Chapter- 2                        जंगल (पूरक पठन)     


प्र.1. सोनू कौन था?

उ. सोनू एक छोटा खरगोश था जिसे पीयू और उसका परिवार पालते थे।


प्र.2. सोनू के साथ क्या हुआ?

उ. सोनू की मृत्यु हो गई।


प्र.3. सोनू की मृत्यु का कारण क्या था?

उ. तविषा ने चावल की टंकी में कीड़े मारने की गोलियाँ डाली थीं; संभवतः सोनू ने वही खा लीं जिससे उसकी मृत्यु हो गई।


प्र.4. तविषा को अपराध-बोध क्यों हुआ?

उ. उसे शक था कि उसकी लापरवाही से सोनू की मौत हो गई।


प्र.5. तविषा ने चावलों में क्या डालने के लिए शीशी खोली थी?

उ. डाबर की पारे की गोलियाँ डालने के लिए।


प्र.6. गोलियाँ कहाँ गिरी थीं?

उ. कुछ गोलियाँ टंकी से बाहर ओने-कोने में गिर गई थीं।


प्र.7. सोनू के मरने के बाद कौन दुखी था?

उ. मोनू बहुत दुखी था क्योंकि वह सोनू का साथी था।


प्र.8. पीयू ने किससे पूछा – “मोनू मेरे साथ खेलता क्यों नहीं?”

उ. उसने अपनी दादी, मांडवी दी से पूछा।


प्र.9. मांडवी दी ने क्या उत्तर दिया?

उ. उन्होंने कहा कि मोनू दुखी है क्योंकि उसका साथी सोनू उससे बिछड़ गया है।


प्र.10. पीयू ने दादी से क्या प्रश्न किया कि दोनों भी मर जाएँगे क्या?

उ. उसने पूछा — “दादी, क्या हम दोनों भी मर जाएँगे?”


प्र.11. दादी ने उसे क्यों डाँटा?

उ. क्योंकि उसने मरने जैसी बुरी बात कही थी।


प्र.12. पीयू ने प्रतिवाद में क्या कहा?

उ. उसने कहा — “आपने ही तो कहा था, सोनू दुख से मर गया।”


प्र.13. मांडवी दी ने सोनू के मरने का क्या कारण बताया?

उ. उन्होंने कहा कि वह अपने माँ-बाप से बिछुड़ गया था और जंगल उसका घर था।


प्र.14. दादी ने पीयू को क्या समझाया?

उ. कि वह अपने माँ-बाप के पास है, इसलिए उसे डरने की जरूरत नहीं है।


प्र.15. पीयू ने क्या प्रश्न किया — “क्या मोनू भी मर जाएगा?”

उ. उसने पूछा — “अगर हम मोनू को उसके माँ-बाप से अलग रखेंगे तो क्या वह भी मर जाएगा दुख से?”


प्र.16. यह सुनकर मांडवी दी कैसी हो गईं?

उ. वे निरुत्तर हो गईं (उनके पास उत्तर नहीं था)।


प्र.17. पीयू ने क्या सुझाव दिया कि मोनू मरेगा नहीं?

उ. उसने कहा कि मोनू को जंगल में उसके माँ-बाप के पास छोड़ देना चाहिए।


प्र.18. मांडवी दी ने पूछा — “तू मोनू के बिना रह लेगा न?” इसका अर्थ क्या है?

उ. उन्होंने पूछा कि क्या पीयू मोनू से बिछड़ने का दुख सह सकेगा।


प्र.19. पीयू ने क्या उत्तर दिया?

उ. उसने कहा — “रह लूँगा।”


प्र.20. मांडवी दी ने आगे क्या निश्चय किया?

उ. उन्होंने कहा कि रात को शैलेश से कहेंगी कि गाड़ी निकालकर जंगल चलें।


प्र.21. दादी ने क्यों कहा कि “रात में खरगोश दिखाई पड़ते हैं”?

उ. ताकि पीयू को यह भरोसा रहे कि वे मोनू के माँ-बाप को ढूँढ पाएँगे।


प्र.22. पीयू ने किस पक्षी की इच्छा जताई थी पहले?

उ. तोते की।


प्र.23. अंत में उसने तोते के बारे में क्या कहा?

उ. उसने कहा — “अब मुझे तोता नहीं चाहिए, दादी।”


प्र.24. मांडवी दी ने अंत में क्या किया?

उ. उन्होंने पीयू को सीने से लगा लिया और उसके मुँह पर बार-बार चुम्बन दिए।


प्र.25. इस कहानी का मुख्य भाव क्या है?

उ. पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम, करुणा और त्याग का भाव।


प्र.26. पीयू के चरित्र से क्या शिक्षा मिलती है?

उ. सच्चा प्रेम निःस्वार्थ होता है और दूसरों के सुख में ही अपनी खुशी खोजनी चाहिए।


प्र.27. मांडवी दी का चरित्र कैसा है?

उ. वे संवेदनशील, स्नेहमयी और समझदार दादी हैं।


प्र.28. “मानी सूखा वृक्ष बोल रहा है” शीर्षक का क्या प्रतीक है?

उ. यह संवेदना के पुनर्जागरण का प्रतीक है — सूखे मन में भी प्रेम के बीज अंकुरित होते हैं।


प्र.29. इस कहानी में बचपन का कौन-सा गुण प्रकट होता है?

उ. निष्कपटता, दया और सच्चाई।


प्र.30. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?

उ. हमें पशु-पक्षियों से प्रेम करना चाहिए, उनका दुख समझना चाहिए, और गलती होने पर उसे सुधारने का साहस रखना चाहिए।

Answer by Dimpee  Bora