Chapter- 4 सिंधु का जल
प्र.1. कविता का शीर्षक क्या है?
उ. कविता का शीर्षक है — “मैल हटाने से पहले”। इस शीर्षक के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है कि हमें बाहरी मैल ही नहीं, बल्कि मन के भीतर के भेदभाव, नफरत और संकीर्णता को भी धोना चाहिए।
प्र.2. कविता का वक्ता कौन है?
उ. कविता का वक्ता स्वयं नदी है। कवि ने नदी को मानवीय रूप देकर उसकी वाणी के माध्यम से मानवता और एकता का संदेश प्रस्तुत किया है।
प्र.3. नदी किस बात पर गर्व करती है?
उ. नदी को इस बात पर गर्व है कि वह सबका मैल धोती है, सबको जीवन देती है, और किसी के धर्म या जाति का भेद नहीं करती। वह समान रूप से सबको शुद्ध करती है।
प्र.4. नदी किससे नहीं पूछती?
उ. नदी यह नहीं पूछती कि कोई व्यक्ति हिंदू है या मुसलमान, अमीर है या गरीब, ऊँच है या नीच। वह सबके प्रति समान भाव रखती है।
प्र.5. नदी किसकी है?
उ. नदी सबकी है — सभी धर्मों, सभी वर्गों और सभी जीवों की। वह किसी एक समुदाय की नहीं, बल्कि पूरे मानव समाज की धरोहर है।
प्र.6. “मैं तो सबका हूँ” — इस पंक्ति से क्या भाव व्यक्त होता है?
उ. इस पंक्ति से मानव एकता, समानता, उदारता और प्रेमभाव का संदेश मिलता है। यह वाक्य बताता है कि सच्चा जीवन वही है जिसमें सबके प्रति अपनापन हो।
प्र.7. नदी में कौन-कौन सी नदियाँ आकर मिलती हैं?
उ. नदी में छोटी-छोटी सांस्कृतिक नदियाँ आकर मिलती हैं। ये नदियाँ विभिन्न परंपराओं, संस्कृतियों और भाषाओं का प्रतीक हैं।
प्र.8. छोटी नदियाँ मिलकर क्या बनाती हैं?
उ. वे मिलकर एक विशाल संस्कृति और एकता का प्रवाह बनाती हैं, जिससे समाज में विविधता में एकता का अद्भुत संगम दिखाई देता है।
प्र.9. “मुझमें संभावनाएँ समाती हैं” का क्या अर्थ है?
उ. इसका अर्थ है कि विभिन्न संस्कृतियाँ और विचार नदी में मिलकर नई संभावनाएँ और सृजनशीलता को जन्म देती हैं।
प्र.10. कभी-कभी नदी में क्या बहता हुआ आता है?
उ. कभी-कभी नदी में लहू (रक्त) बहता हुआ आता है, जो मानव की हिंसा और युद्ध की त्रासदी को दर्शाता है।
प्र.11. नदी में लहू क्यों बहता है?
उ. जब लोग धर्म, जाति या सत्ता के नाम पर युद्ध और हिंसा करते हैं, तब निर्दोषों का खून बहता है और वह रक्त अंततः नदी में समा जाता है।
प्र.12. नदी के घाटों पर क्या होता है?
उ. युद्ध के समय नदी के घाटों पर तलवारें खनकती हैं, टायें गूँजती हैं, तोपें गरजती हैं और धमाके होते हैं। यह दृश्य मानवता के पतन का प्रतीक है।
प्र.13. युद्ध में कौन शहीद होते हैं?
उ. युद्ध में रणबाँकुरे — वीर और बहादुर योद्धा शहीद होते हैं, जो अपने देश और धर्म के लिए प्राण न्योछावर कर देते हैं।
प्र.14. नदी शहीदों को देखकर क्या करती है?
उ. नदी उनके घाव धोती है, यानी उनके रक्त और पीड़ा को अपने में समेट लेती है। यह उसकी करुणा और ममता का प्रतीक है।
प्र.15. विधवा की आँखों में आँसू बनकर कौन रोता है?
उ. नदी स्वयं आँसू बनकर विधवा की आँखों से रोती है, जिससे उसकी मानवीय संवेदना प्रकट होती है।
प्र.16. “मैं नहीं पूछता कि वे यहाँ के हैं कि वहाँ के” — इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उ. इस पंक्ति का अर्थ है कि नदी कभी भेदभाव नहीं करती। वह यह नहीं देखती कि कोई व्यक्ति किस देश, धर्म या जाति का है — सब उसके लिए समान हैं।
प्र.17. नदी का मर्म क्या है?
उ. नदी का मर्म है — सबको जीवन देना, सबका मैल धोना, और सबके दुख-दर्द को साझा करना।
प्र.18. “मैं सिंधु में बिंदु हूँ, बिंदु में सिंधु हूँ” — इस पंक्ति से क्या भाव प्रकट होता है?
उ. इससे लघु में विशालता और विशाल में सूक्ष्मता का दर्शन मिलता है। यह बताता है कि हर व्यक्ति में ब्रह्म या विश्वात्मा का अंश है।
प्र.19. “लहराते बिंबों में झिलमिलाता इंदु हूँ” का अर्थ क्या है?
उ. इसका अर्थ है कि चंद्रमा नदी की लहरों में चमकता है, जिससे नदी की सुंदरता और शांतता और भी बढ़ जाती है।
प्र.20. कविता का मुख्य विषय क्या है?
उ. कविता का मुख्य विषय है — मानवता, समानता, प्रेम, करुणा और राष्ट्रीय एकता। कवि ने नदी के माध्यम से यह संदेश दिया है कि सब एक हैं।
प्र.21. “टायें” शब्द का क्या अर्थ है?
उ. “टायें” का अर्थ है — घोड़ों के पैरों के जमीन पर पड़ने की आवाज़। यह शब्द युद्ध की स्थिति को दर्शाता है।
प्र.22. “रणबाँकुरे” का अर्थ क्या है?
उ. “रणबाँकुरे” का अर्थ है — बहादुर योद्धा, जो युद्ध में साहस और वीरता का परिचय देते हैं।
प्र.23. “मर्म” शब्द का अर्थ क्या है?
उ. “मर्म” का अर्थ है — सार, भाव या किसी चीज़ का गूढ़ अर्थ।
प्र.24. “इंदु” शब्द का अर्थ क्या है?
उ. “इंदु” का अर्थ है — चंद्रमा। यह सुंदरता, शांति और प्रकाश का प्रतीक है।
प्र.25. “घाव धोना” मुहावरे का अर्थ क्या है?
उ. इसका अर्थ है — पीड़ा या दुख को दूर करना। नदी यहाँ शहीदों के घाव धोकर उनकी पीड़ा मिटाने का प्रतीक है।
प्र.26. कविता में नदी किस रूप में प्रस्तुत हुई है?
उ. कविता में नदी को मानवता, ममता, करुणा और एकता की प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
प्र.27. कवि का मानव जीवन के प्रति क्या दृष्टिकोण है?
उ. कवि का दृष्टिकोण है कि मनुष्य को धर्म, जाति, और वर्ग के भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता का धर्म अपनाना चाहिए।
प्र.28. “जल ही जीवन है” — इस विचार से कविता का क्या संबंध है?
उ. नदी जल का प्रतीक है, जो जीवन देती है। इसलिए कविता में भी यह दिखाया गया है कि नदी बिना भेदभाव के सबको जीवन प्रदान करती है।
प्र.29. कविता की भाषा-शैली कैसी है?
उ. कविता की भाषा भावपूर्ण, प्रतीकात्मक, काव्यात्मक और उद्बोधनात्मक है। इसमें भावनाओं को सरल शब्दों में अत्यंत प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया गया है।
प्र.30. कविता से क्या शिक्षा मिलती है?
उ. कविता से यह शिक्षा मिलती है कि हमें धर्म, जाति, या भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता, प्रेम और भाईचारे की भावना अपनानी चाहिए।
Answer by Dimpee Bora