Chapter- 5 अतीत के पत्र
प्र.1. यह पत्र किसने और किसे लिखा है?
उ. यह पत्र महात्मा गांधी ने अपने शिष्य विनोबा भावे को लिखा है। इस पत्र में गांधीजी ने विनोबा के प्रति पिता समान स्नेह, प्रेम और श्रद्धा की भावना व्यक्त की है।
प्र.2. गांधीजी ने विनोबा के प्रति कैसी भावना व्यक्त की है?
उ. गांधीजी ने विनोबा के प्रति अत्यंत स्नेहपूर्ण, श्रद्धामय और आत्मीय भावना व्यक्त की है। उन्होंने विनोबा को पुत्र के समान माना और उनके प्रति पिता का भाव अपनाया।
प्र.3. गांधीजी को विनोबा के किस गुण ने मोह में डाल दिया?
उ. विनोबा का निर्मल प्रेम और उत्तम चरित्र गांधीजी को मोह में डाल देता है। उनके इन गुणों ने गांधीजी के मन को अत्यंत प्रभावित किया।
प्र.4. गांधीजी ने कहा कि वे विनोबा की परीक्षा क्यों नहीं ले सकते?
उ. गांधीजी कहते हैं कि वे विनोबा के प्रेम और चरित्र से इतने प्रभावित हैं कि उनकी परीक्षा लेना उनके लिए संभव नहीं है। उन्होंने विनोबा की आत्म-परीक्षा को ही स्वीकार कर लिया।
प्र.5. गांधीजी ने कौन-सा पद स्वीकार करने की बात कही है और क्यों?
उ. गांधीजी ने कहा कि वे विनोबा के लिए पिता का पद स्वीकार करते हैं। उन्होंने माना कि विनोबा ने अपने आचरण से उन्हें पिता कहलाने योग्य बना दिया है।
प्र.6. गांधीजी के अनुसार सच्चा पिता और सच्चा पुत्र कौन होता है?
उ. गांधीजी के अनुसार सच्चा पिता वह होता है जो अपने से अधिक चरित्रवान पुत्र उत्पन्न करता है, और सच्चा पुत्र वह होता है जो पिता के कार्यों में वृद्धि करता है।
प्र.7. गांधीजी ने कौन-से गुणों को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया है?
उ. उन्होंने सत्यवादिता, दृढ़ता और दयामयता को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया है।
प्र.8. गांधीजी ने विनोबा से क्या कहा जब वे “हिरण्यकश्यप” सिद्ध हों?
उ. गांधीजी ने कहा कि यदि मैं हिरण्यकश्यप सिद्ध होऊँ, तो तुम प्रह्लाद की तरह मेरा निरादर करना।
प्र.9. गांधीजी ने विनोबा के आश्रम पालन के बारे में क्या कहा?
उ. गांधीजी ने कहा कि विनोबा ने बाहर रहकर भी आश्रम के नियमों का बहुत अच्छी तरह पालन किया है।
प्र.10. गांधीजी को विनोबा के आश्रम में आने को लेकर कोई शंका थी क्या?
उ. नहीं, गांधीजी को विनोबा के आश्रम में आने को लेकर कोई शंका नहीं थी।
प्र.11. विनोबा के संदेश गांधीजी को किसने सुनाए?
उ. मामा (फड़के) ने गांधीजी को विनोबा के संदेश पढ़कर सुनाए।
प्र.12. गांधीजी ने विनोबा के लिए क्या आशीर्वाद दिया?
उ. गांधीजी ने कहा — “ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करें और तुम्हारा उपयोग हिंद की उन्नति के लिए हो।”
प्र.13. गांधीजी ने विनोबा के आहार के बारे में क्या सलाह दी?
उ. गांधीजी ने कहा कि दूध का त्याग न करें, बल्कि आवश्यकता हो तो उसकी मात्रा बढ़ाएँ।
प्र.14. गांधीजी ने “रेल-सत्याग्रह” के बारे में क्या विचार प्रकट किए?
उ. गांधीजी ने लिखा कि अभी रेल-सत्याग्रह की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उसके लिए ज्ञानी प्रचारकों की आवश्यकता है।
प्र.15. गांधीजी ने किस जिले में सत्याग्रह की संभावना बताई?
उ. गांधीजी ने कहा कि खेड़ा जिले में सत्याग्रह करने की संभावना हो सकती है।
प्र.16. गांधीजी ने अपने बारे में क्या कहा?
उ. उन्होंने कहा — “अभी तो मैं रमता राम हूँ।” इसका अर्थ है कि वे एक स्थान पर न टिकने वाले फक्कड़ व्यक्ति की तरह घूम रहे हैं।
प्र.17. गांधीजी ने आगे कहाँ जाने की बात कही?
उ. गांधीजी ने कहा कि वे दो-एक दिन में दिल्ली जाने वाले हैं।
प्र.18. गांधीजी ने “सब तुमसे मिलने को उत्सुक हैं” क्यों लिखा?
उ. क्योंकि सब लोग विनोबा से मिलने के इच्छुक और उत्सुक थे।
प्र.19. “बहुत बड़ा मनुष्य है” — गांधीजी ने यह किसके लिए कहा?
उ. गांधीजी ने यह वाक्य विनोबा भावे के लिए कहा।
प्र.20. गांधीजी ने किन दो प्रदेशों के लोगों की प्रशंसा की?
उ. उन्होंने महाराष्ट्र और मद्रास (मद्राली) के लोगों की प्रशंसा की।
प्र.21. गांधीजी ने महाराष्ट्रियों के बारे में क्या कहा?
उ. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्रियों ने उन्हें कभी निराश नहीं किया।
प्र.22. “रमता राम” शब्द का अर्थ क्या है?
उ. फक्कड़ या एक स्थान पर न टिकने वाला व्यक्ति।
प्र.23. “अस्वादव्रत” शब्द का अर्थ क्या है?
उ. फीका भोजन करने का व्रत।
प्र.24. “अपरिग्रह” का क्या अर्थ है?
उ. संग्रह न करना।
प्र.25. “करघा” का अर्थ बताइए।
उ. कपड़ा बुनने का यंत्र।
प्र.26. “हृदय में स्थान बनाना” मुहावरे का अर्थ क्या है?
उ. किसी का प्रिय बनना या सम्मान पाना।
प्र.27. “निरादर करना” मुहावरे का अर्थ क्या है?
उ. अपमान करना या अनादर करना।
प्र.28. गांधीजी का मुख्य उद्देश्य इस पत्र द्वारा क्या था?
उ. गांधीजी का उद्देश्य विनोबा को अपने स्नेह, आशीर्वाद और नैतिक प्रेरणा देना था ताकि वे आगे भी समाजसेवा के कार्य में अग्रसर रहें।
प्र.29. गांधीजी ने विनोबा के प्रति अपने “लोभ” के बारे में क्या कहा?
उ. उन्होंने कहा कि विनोबा ने उनके लोभ (आकांक्षा) को लगभग पूरा कर दिया है।
प्र.30. इस पत्र से गांधीजी के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता प्रकट होती है?
उ. इस पत्र से गांधीजी का स्नेहपूर्ण, विनम्र, आत्मीय, आशीर्वादपूर्ण और आध्यात्मिक व्यक्तित्व प्रकट होता है।
Answer by Dimpee Bora