Chapter- 6 निसर्ग वैभव (पूरक पठन)
प्र.1. ‘अपलक तारापथ शशिमुख का बनता लेखा दर्पण’ पंक्ति में कवि ने किस दृश्य का चित्रण किया है?
उ. कवि ने इस पंक्ति में रात के सुंदर और शांत वातावरण का वर्णन किया है। आकाश में चमकते तारे और चाँद का प्रतिबिंब पृथ्वी पर ऐसे दिखाई देता है, मानो कोई विशाल दर्पण बन गया हो। यह दृश्य मन को मोह लेने वाला है, जो प्रकृति की शांति और सौंदर्य का प्रतीक है।
प्र.2. कविता का रचयिता कौन है?
उ. यह कविता ‘पतझड़ से’ संकलित है और इसमें आधुनिक हिंदी कविता के महान कवि रघुवीर सहाय की काव्य-संवेदना का प्रभाव दिखाई देता है। उन्होंने प्रकृति और मानव के संबंध को गहराई से समझाने का प्रयास किया है।
प्र.3. ‘शैल कंधों पर सोया जगता गंध समीरण’ का क्या अर्थ है?
उ. इस पंक्ति में कवि ने पर्वतीय दृश्य का सुंदर चित्र प्रस्तुत किया है। पर्वतों के कंधों पर सुगंध से भरी हवा ठहरी हुई है, मानो वह विश्राम कर रही हो। यह दृश्य शांत, सौम्य और सुखद वातावरण का प्रतीक है।
प्र.4. कवि ने पर्वतीय जीवन को कैसा बताया है?
उ. कवि ने पर्वतीय जीवन को विस्मय, सौंदर्य, विविधता और आकर्षण से भरा बताया है। पर्वतों पर पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और ठंडी हवाएँ मिलकर एक अद्भुत जीवंत संसार का निर्माण करती हैं।
प्र.5. ‘सद्यः स्फुट सौदर्व राशि’ का क्या आशय है?
उ. इसका अर्थ है — अभी-अभी खिला हुआ, कोमल और आकर्षक सौंदर्य का समूह। कवि ने इससे प्रकृति की ताजगी और मनोहारी सौंदर्य को व्यक्त किया है, जो मन को सम्मोहित कर देता है।
प्र.6. कविता में ‘खग चखते फल’ से कवि क्या कहना चाहता है?
उ. कवि यह दिखाना चाहता है कि प्रकृति का हर प्राणी आनंदमय जीवन जी रहा है। पक्षी फलों को खाते हुए प्रसन्न हैं — यह चित्र प्रकृति की जीवंतता और समरसता का प्रतीक है।
प्र.7. ‘गिलहरियाँ कोंपल कुतर रही हैं’ पंक्ति से कौन-सी भावना प्रकट होती है?
उ. इस पंक्ति में जीवन की चंचलता और आनंद का भाव प्रकट होता है। गिलहरियों की खेलती हुई मुद्रा प्रकृति की जीवंतता को दर्शाती है।
प्र.8. ‘मरकत आँगन’ का क्या अर्थ है?
उ. ‘मरकत’ का अर्थ है — हरा रत्न (पन्ना)। यहाँ यह रूपक रूप में प्रयोग हुआ है, जो हरे-भरे मैदान या आँगन का बिंब प्रस्तुत करता है।
प्र.9. ‘जड़ जग इतना सुंदर’ — कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उ. कवि को यह देखकर विस्मय होता है कि निर्जीव प्रकृति (जड़ जगत) भी इतनी सुंदर और मनोहर है, जबकि मानव जगत (चेतन जगत) संघर्ष और विषाद से भरा है।
प्र.10. कवि को किस क्षण ईश्वर की अनुभूति होती है?
उ. जब कवि प्रकृति की इस अद्भुत सुंदरता को देखता है, तो उसे स्वाभाविक रूप से ईश्वर की उपस्थिति महसूस होती है। प्रकृति की सुंदरता उसे ईश्वर के साक्षात् दर्शन जैसी लगती है।
प्र.11. कवि के अनुसार मानव जीवन में विषाद क्यों है?
उ. मानव अपने अहंकार, स्वार्थ और भौतिकता में उलझ गया है। उसने प्रकृति और ईश्वर से अपना संबंध तोड़ लिया है, इसीलिए उसके जीवन में विषाद और संघर्ष बना रहता है।
प्र.12. ‘अहरह’ शब्द का अर्थ क्या है?
उ. ‘अहरह’ का अर्थ है — हर समय या प्रतिदिन।
प्र.13. कवि मानव को ईश्वर का क्या मानता है?
उ. कवि मानव को ईश्वर का प्रतिनिधि मानता है, जो सृष्टि के संरक्षण और संवर्धन के लिए उत्तरदायी है।
प्र.14. फिर भी कवि क्यों कहता है कि “अभिशापित हो गया मानव जीवन”?
उ. क्योंकि मनुष्य ने अपनी क्षुद्र अहंता और स्वार्थ के कारण अपने भीतर की ईश्वरीय चेतना को खो दिया है।
प्र.15. ‘छिन्न हो गया विश्व चेतना से मानव मन’ का आशय क्या है?
उ. मानव अब प्रकृति और ब्रह्मांड की चेतना से जुड़ा नहीं रहा। उसका मन सीमित और आत्मकेंद्रित हो गया है।
प्र.16. कविता का प्रमुख विषय क्या है?
उ. प्रकृति की सुंदरता और मानव की आत्मिक शून्यता के बीच का विरोध — यही कविता का मूल विषय है।
प्र.17. ‘अपलक’ शब्द का अर्थ बताइए।
उ. ‘अपलक’ का अर्थ है — बिना पलक झपकाए स्थिर दृष्टि से देखना।
प्र.18. ‘समीरण’ शब्द का अर्थ क्या है?
उ. ‘समीरण’ का अर्थ है — पवन या मंद-सुगंधित हवा।
प्र.19. ‘मुकुल’ शब्द का क्या अर्थ है?
उ. ‘मुकुल’ का अर्थ है — कली या फूल का प्रारंभिक रूप।
प्र.20. ‘श्लक्ष्ण’ शब्द का अर्थ बताइए।
उ. ‘श्लक्ष्ण’ का अर्थ है — मधुर, कोमल या सुरीला।
प्र.21. ‘निर्जन’ शब्द का अर्थ क्या है?
उ. ‘निर्जन’ का अर्थ है — सुनसान, वीरान या जहां जीवन की हलचल नहीं।
प्र.22. ‘वैचित्र्य’ शब्द का क्या अर्थ है?
उ. ‘वैचित्र्य’ का अर्थ है — अनोखापन, विविधता या आकर्षण।
प्र.23. कवि के अनुसार मनुष्य को क्या करना चाहिए?
उ. मनुष्य को चाहिए कि वह अपनी आत्मा को पुनः प्रकृति से जोड़े, अपने जीवन का नव विश्लेषण करे और समरसता का अनुभव प्राप्त करे।
प्र.24. कवि को मानव के बारे में कौन-सी विडंबना दिखाई देती है?
उ. यह कि ईश्वर का प्रतिनिधि होने के बावजूद मानव दुखी, असंतुष्ट और विषण्ण है।
प्र.25. कविता में ‘ईश्वर’ का उल्लेख किस संदर्भ में आया है?
उ. जब कवि प्रकृति की अनुपम सुंदरता देखता है, तब उसे लगता है कि ईश्वर का वहाँ आना स्वाभाविक है।
प्र.26. कविता का भाव क्या है?
उ. कविता का भाव है — प्रकृति की सुंदरता देखकर मनुष्य को आत्म-चिंतन के लिए प्रेरित करना।
प्र.27. कवि मानव को किससे जोड़ना चाहता है?
उ. कवि चाहता है कि मानव फिर से प्रकृति और विश्व चेतना से जुड़ जाए।
प्र.28. कविता में कौन-कौन से प्राकृतिक दृश्य हैं?
उ. पर्वत, तारापथ, चाँद, गंध-समीरण, गिलहरियाँ, पक्षी, फल और कोंपलें।
प्र.29. कविता का स्वर कैसा है?
उ. कविता का स्वर चिंतनशील, दार्शनिक और आध्यात्मिक है।
प्र.30. इस कविता का केंद्रीय संदेश क्या है?
उ. मनुष्य को अपनी सीमित अहंता छोड़कर प्रकृति और ईश्वर से पुनः संबंध स्थापित करना चाहिए, क्योंकि वही जीवन की वास्तविक शांति और आनंद का स्रोत है।
Answer by Dimpee Bora