Chapter-7                             डाॅक्‍टर का अपहरण      


प्र.1. डॉ. भटनागर किस समस्या के अध्ययन में लगे थे?

उ. डॉ. भटनागर उस ग्रह के निवासियों में फैले एक रहस्यमयी और घातक “सड़न रोग” का अध्ययन कर रहे थे। यह रोग धीरे-धीरे शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देता था। इस बीमारी का पृथ्वी की किसी भी बीमारी से कोई समानता नहीं थी, इसलिए उसके कारण, लक्षण और उपचार समझना अत्यंत कठिन था।


प्र.2. वहाँ के लोगों को चिकित्सा की आवश्यकता क्यों नहीं पड़ती थी?

उ. उस ग्रह के लोगों का शरीर अत्यंत सुदृढ़ था। उनकी चमड़ी इतनी मजबूत थी कि वायु, जल और मिट्टी का कोई प्रभाव उन पर नहीं पड़ता था। चूँकि वे कभी बीमार नहीं होते थे, इसलिए उन्हें चिकित्सा की आवश्यकता ही नहीं पड़ी और वहाँ चिकित्सा-विज्ञान का विकास रुक गया।


प्र.3. वहाँ के निवासियों की चमड़ी किस प्रकार की होती है?

उ. उनकी चमड़ी मोटे प्लास्टिक जैसी थी। इस विशेष रचना के कारण वे वातावरण के किसी भी प्रभाव से अछूते रहते थे। यह चमड़ी उम्र के साथ और अधिक सख्त होती चली जाती थी, जिससे उनका शरीर बाहरी रूप से अजेय प्रतीत होता था।


प्र.4. वहाँ के बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनकी चमड़ी कैसी होती है?

उ. बचपन में उनकी त्वचा सामान्य रूप से नरम और लचीली होती थी, परंतु जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते, जलवायु के प्रभाव से यह त्वचा धीरे-धीरे कठोर, प्लास्टिक जैसी हो जाती थी।


प्र.5. वहाँ के लोग चिकित्साशास्त्र में पीछे क्यों रह गए?

उ. क्योंकि उन्हें बीमारियाँ नहीं होती थीं, इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र में कोई शोध या अध्ययन नहीं किया। समय के साथ उन्होंने विज्ञान के अन्य क्षेत्रों—जैसे मशीन, निर्माण और उद्योग—में प्रगति की, पर चिकित्सा की उपेक्षा कर दी।


प्र.6. सड़न रोग क्या है?

उ. यह एक नया, अज्ञात और भयानक रोग था जिसमें शरीर अंदर से गलने लगता था। धीरे-धीरे यह रोग पूरे समुदाय में फैल गया और अस्तित्व के संकट का कारण बन गया।


प्र.7. डॉ. भटनागर को किस कठिनाई का सामना करना पड़ा?

उ. उन्हें सबसे बड़ी कठिनाई यह थी कि पृथ्वी पर प्रचलित चिकित्सा सिद्धांत और उपचार-पद्धतियाँ वहाँ लागू नहीं हो रही थीं। वहाँ के शरीर की रचना, त्वचा और प्रतिरक्षा-तंत्र पूरी तरह भिन्न थे।


प्र.8. डॉ. भटनागर का उद्देश्य क्या था?

उ. उनका लक्ष्य उस ग्रह के निवासियों को इस भयंकर सड़न रोग से बचाने का उपाय ढूँढ़ना था ताकि वे उस सभ्यता को विनाश से बचा सकें। वे मानवता के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने में जुटे थे।


प्र.9. अंग प्रत्यारोपण के लिए उन्हें क्या चाहिए था?

उ. उन्हें दवाएँ, विशिष्ट रासायनिक पदार्थ, तथा अंग-प्रत्यारोपण से संबंधित विशेष यंत्रों की आवश्यकता थी। इन सबके बिना इलाज संभव नहीं था।


प्र.10. डॉ. भटनागर अकेले काम क्यों नहीं कर पा रहे थे?

उ. क्योंकि रोग का स्वरूप जटिल था और उस पर शोध के लिए अनेक संसाधनों तथा वैज्ञानिकों की आवश्यकता थी। अकेले व्यक्ति के लिए यह कार्य असंभव था।


प्र.11. वहाँ के लोग क्या योजना बना रहे थे?

उ. उन्होंने योजना बनाई कि पृथ्वी से कुछ और डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को गुप्त रूप से लाकर उनकी सहायता ली जाए।


प्र.12. यह योजना गुप्त क्यों रखी जा रही थी?

उ. यह योजना इसलिए गोपनीय थी क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि पृथ्वी के लोगों को अपहरण की जानकारी मिले और कोई विरोध उत्पन्न हो।


प्र.13. डॉ. भटनागर किस बात से असहमत थे?

उ. वे इस योजना से सहमत नहीं थे कि पृथ्वी से लोगों को बलपूर्वक ले जाया जाए। उनका मानना था कि वहाँ के लोग स्वयं शिक्षा लेकर अपने उपचार की व्यवस्था करें।


प्र.14. डॉ. भटनागर की इच्छा क्या थी?

उ. वे चाहते थे कि उस ग्रह के लोग चिकित्सा का ज्ञान अर्जित करें और आत्मनिर्भर बनें ताकि भविष्य में वे किसी बाहरी सहायता पर निर्भर न रहें।


प्र.15. डॉ. भटनागर कब पृथ्वी लौट सकते थे?

उ. वे तभी लौट सकते थे जब वहाँ के लोगों की समस्या का समाधान हो जाए। उनके लौटने का निर्णय उन लोगों की इच्छा पर निर्भर था।


प्र.16. वहाँ के लोग किस तरह के निर्माण करते हैं?

उ. वे अत्यंत उन्नत सभ्यता के लोग थे—जहाँ ऊँची-ऊँची इमारतें, विशाल कारखाने और दैत्याकार मशीनें थीं।


प्र.17. पाठ में पृथ्वी की कौन-सी बीमारियों का उल्लेख है?

उ. इसमें कैंसर, हृदय रोग, तनाव, और ब्लड शुगर जैसी आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का उल्लेख किया गया है।


प्र.18. इन बीमारियों का क्या संकेत माना गया है?

उ. ये बीमारियाँ भविष्य के उस संकट का संकेत हैं जो मनुष्य की असंयमित प्रगति और भौतिकता के कारण उत्पन्न हो सकता है।


प्र.19. डॉ. भटनागर ने अपने संदेश में किसे आश्वस्त किया?

उ. उन्होंने अपने परिवार और सहकर्मियों को बताया कि उन्हें कोई कष्ट नहीं है और वे सुरक्षित हैं।


प्र.20. डॉ. भटनागर ने अपने न आने का क्या कारण बताया?

उ. उन्होंने कहा कि जब तक वे उस ग्रह के निवासियों को इस रोग से मुक्त नहीं कर देते, तब तक लौटना संभव नहीं।


प्र.21. वहाँ की जलवायु का क्या प्रभाव था?

उ. जलवायु के कारण वहाँ के लोगों का शरीर असाधारण रूप से मजबूत और कठोर हो गया था, जिससे वे वर्षों तक बीमार नहीं पड़ते थे।


प्र.22. वहाँ के लोगों की सबसे बड़ी गलती क्या थी?

उ. उन्होंने केवल औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रगति पर ध्यान दिया, परंतु स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र की उपेक्षा की।


प्र.23. सड़न रोग का प्रभाव क्या था?

उ. इस रोग ने उनके शरीर को भीतर से नष्ट करना शुरू कर दिया था। यह रोग तेजी से फैल रहा था और सभ्यता के अस्तित्व को खतरे में डाल रहा था।


प्र.24. डॉ. भटनागर का संदेश किस माध्यम से मिला?

उ. उनका रिकॉर्ड किया गया ऑडियो-संदेश पृथ्वी पर प्राप्त हुआ, जिससे पूरा रहस्य उजागर हुआ।


प्र.25. संदेश सुनने पर लोगों की प्रतिक्रिया क्या थी?

उ. लोग स्तब्ध और आश्चर्यचकित रह गए। यह संदेश न केवल अज्ञात ग्रह का रहस्य था, बल्कि भविष्य के लिए एक चेतावनी भी।


प्र.26. डॉ. भटनागर के लिए वापसी का रास्ता कौन तय करेगा?

उ. वही ग्रहवासी जिनके बीच वे हैं; उनकी अनुमति के बिना वापसी संभव नहीं।


प्र.27. यह घटना विज्ञान के किस पहलू को दर्शाती है?

उ. यह बताती है कि विज्ञान की सीमाएँ हैं—सिर्फ मशीनों या तकनीक से जीवन सुरक्षित नहीं होता, मानवीय संवेदना और संतुलन आवश्यक हैं।


प्र.28. लेखक ने भविष्य के लिए क्या चेतावनी दी है?

उ. लेखक चेतावनी देता है कि यदि मानव ने प्रकृति और स्वास्थ्य की अनदेखी की, तो पृथ्वी भी उसी दिशा में बढ़ सकती है—जहाँ केवल मशीनें बचेंगी, मनुष्य नहीं।


प्र.29. पाठ का मुख्य संदेश क्या है?

उ. यह पाठ हमें सिखाता है कि वैज्ञानिक प्रगति तभी सार्थक है जब वह मानव जीवन और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखे।


प्र.30. इस पाठ का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है?

उ. “डॉ. भटनागर का संदेश” या “भविष्य की चेतावनी” — दोनों शीर्षक पाठ की भावना को पूर्ण रूप से व्यक्त करते हैं।

Answer by Dimpee Bora