Chapter-9                         वरदान माँगूँगा नही     


प्र.1. कविता “वरदान माँगूँगा नहीं” के कवि कौन हैं?

उ. इस कविता के कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं।


प्र.2. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उ. उनका जन्म 5 अगस्त 1915 को उन्नाव (उत्तर प्रदेश) में हुआ था।


प्र.3. ‘सुमन’ जी की मृत्यु कब हुई?

उ. उनकी मृत्यु 26 नवंबर 2002 को हुई।


प्र.4. कवि ‘सुमन’ किस कविता-धारा से जुड़े थे?

उ. वे प्रगतिवादी कविता-धारा के प्रमुख कवि थे।


प्र.5. कवि ने कविता में क्या माँगने से इंकार किया है?

उ. कवि ने कभी भी वरदान माँगने से इंकार किया है।


प्र.6. “यह हार एक विराम है” — पंक्ति से कवि क्या कहना चाहता है?

उ. कवि कहना चाहता है कि हार अंत नहीं, बल्कि एक नया आरंभ है।


प्र.7. “जीवन महा-संग्राम है” का क्या अर्थ है?

उ. जीवन एक बड़ा युद्ध है जिसमें संघर्ष और साहस की आवश्यकता होती है।


प्र.8. कवि किससे दया की भीख नहीं माँगना चाहता?

उ. कवि ईश्वर या किसी से भी दया की भीख नहीं माँगना चाहता।


प्र.9. कवि किस मार्ग पर अडिग रहने की बात करता है?

उ. कवि कर्तव्य पथ पर डटे रहने की बात करता है।


प्र.10. कवि को जीत या हार में क्या समान लगता है?

उ. कवि के लिए जीत और हार दोनों समान हैं — वह भयभीत नहीं है।


प्र.11. “तिल-तिल मिटना” मुहावरे का अर्थ क्या है?

उ. इसका अर्थ है — धीरे-धीरे समाप्त होना या खुद को अर्पित कर देना।


प्र.12. “अभिशाप” शब्द का अर्थ बताइए।

उ. “अभिशाप” का अर्थ है — श्राप।


प्र.13. “खंडहर” शब्द का अर्थ क्या है?

उ. “खंडहर” का अर्थ है — भग्नावशेष या टूटी हुई इमारत।


प्र.14. “ताप” शब्द का अर्थ क्या है?

उ. “ताप” का अर्थ है — गर्मी या पीड़ा।


प्र.15. कविता में कवि किसे महान बने रहने को कहता है?

उ. कवि ईश्वर या समाज से कहता है — “तुम महान बने रहो”।


प्र.16. कवि किससे कहता है — “मैं व्यर्थ त्यागूँगा नहीं”?

उ. कवि यह पंक्ति अपने हृदय की वेदना के संदर्भ में कहता है।


प्र.17. कवि का जीवन-दर्शन क्या है?

उ. कवि का जीवन-दर्शन है — संघर्ष करना, पर किसी से वरदान या दया न माँगना।


प्र.18. “वरदान माँगूँगा नहीं” पंक्ति में कवि का कौन-सा गुण झलकता है?

उ. कवि का स्वाभिमान और आत्मबल झलकता है।


प्र.19. इस कविता का प्रमुख संदेश क्या है?

उ. संदेश है — कर्तव्य पालन में दृढ़ रहना और स्वाभिमान से जीना।


प्र.20. कविता में कवि किससे भयभीत नहीं है?

उ. कवि हार या असफलता से भयभीत नहीं है।


प्र.21. “कुछ भी करो, कर्तव्य पथ से किंतु भागूँगा नहीं” — यहाँ कवि की भावना क्या है?

उ. कवि दृढ़ संकल्प दिखाता है कि वह किसी भी परिस्थिति में कर्तव्य से नहीं भागेगा।


प्र.22. कवि के प्रमुख काव्य-संग्रहों के नाम बताइए।

उ. हिल्लोल, मिट्टी की बारात, विश्वास बढ़ता ही गया, जीवन के गान, युग का मेल।


प्र.23. कवि की गद्य रचनाओं में कौन-सी प्रसिद्ध हैं?

उ. महादेवी की काव्य साधना और गीतिकाव्य उद्भव और विकास।


प्र.24. कविता में कौन-सी भावना सबसे प्रमुख है?

उ. संघर्ष, स्वाभिमान और कर्मनिष्ठा की भावना प्रमुख है।


प्र.25. “महा-संग्राम” शब्द किस बात की ओर संकेत करता है?

उ. यह जीवन के संघर्ष की ओर संकेत करता है।


प्र.26. कवि किस चीज़ को “विश्व की संपत्ति” कहता है?

उ. कवि अपनी स्मृतियों और अनुभवों को विश्व की संपत्ति कहता है।


प्र.27. कविता किस रूप में रची गई है — गीत, गद्य या कहानी?

उ. यह एक गीतात्मक कविता है।


प्र.28. कविता का छंद रूप क्या है?

उ. इसमें मुखड़ा और अंतरे हैं, जो गीत की शैली में दोहराए गए हैं।


प्र.29. इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उ. शिक्षा है — जीवन में कठिनाइयों से भागना नहीं, बल्कि संघर्ष करना।


प्र.30. कवि की रचनाओं में कौन-से मुख्य स्वर मुखरित होते हैं?

उ. जनकल्याण, प्रेम, मानवीयता और रचनात्मक विद्रोह के स्वर।

Answer by Dimpee Bora