Chapter- 4 कश्मीरा
प्रश्न 1: "पहचान हमारी" पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका मुख्य उद्देश्य वर्णमाला के स्वर और व्यंजन, उनकी मात्राएँ और चिह्न पहचानना है।
प्रश्न 2: पाठ्यसामग्री को किन पृष्ठों पर विभाजित किया गया है?
उत्तर: भाग (१) में पृष्ठ ८ एवं ९ पर वर्णमाला का आधा भाग और भाग (२) में पृष्ठ १८ एवं १९ पर शेष वर्णमाला दी गई है।
प्रश्न 3: विद्यार्थियों को सर्वप्रथम क्या करवाना चाहिए?
उत्तर: पहले पृष्ठों पर दिए गए चित्रों का निरीक्षण करवाना चाहिए।
प्रश्न 4: वर्णों का परिचय किस माध्यम से करवाना अपेक्षित है?
उत्तर: बड़े चित्रों और मोटे अक्षरों के माध्यम से।
प्रश्न 5: मात्राएँ विद्यार्थियों को कैसे समझाई जाएँ?
उत्तर: प्रत्येक वर्ण का परिचय देने के बाद उसकी मात्रा और चिह्न समझाए जाएँ।
प्रश्न 6: पुनरावर्तन के लिए क्या किया जाता है?
उत्तर: प्रत्येक वर्ण का क्रम बदलकर छोटे चित्रों में शब्द दिए जाते हैं, जिन्हें विद्यार्थी पहचान कर रेखांकित करते हैं।
प्रश्न 7: नए वर्णों का परिचय कब करवाना है?
उत्तर: प्रत्येक पृष्ठ पर दिए गए नए वर्णों का परिचय करवाया जाता है।
प्रश्न 8: श्यामपट्ट पर क्या लिखा जाता है?
उत्तर: प्रत्येक पृष्ठ के स्वर, व्यंजन और उनकी मात्राएँ श्यामपट्ट पर लिखकर विद्यार्थियों से पढ़वाया और आकलन करवाया जाता है।
प्रश्न 9: 'पढ़ो' के लिए क्या अभ्यास करवाया जाता है?
उत्तर: शब्दों का सुलेखन और श्रुतलेखन करवाया जाता है।
प्रश्न 10: पृष्ठों के नीचे दिए गए शब्दों का अभ्यास किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर: विद्यार्थी शब्दों और मात्राओं को पहचानकर उन्हें संबंधित वर्षों के साथ जोड़कर पढ़ते हैं।
प्रश्न 11: पहली पंक्ति में क्या होती है?
उत्तर: पहली पंक्ति बिना मात्रावाली शब्दों की होती है।
प्रश्न 12: दूसरी पंक्ति में क्या होती है?
उत्तर: दूसरी पंक्ति पूर्व पृष्ठ की मात्रावाली शब्दों की होती है (पृ. ८ छोड़कर)।
प्रश्न 13: तीसरी पंक्ति में क्या होती है?
उत्तर: तीसरी पंक्ति में उसी पृष्ठ की मात्राएँ लगाई गईं शब्दों की होती हैं।
प्रश्न 14: दोनों मात्राएँ जोड़कर क्या किया जाता है?
उत्तर: कई शब्द बनाए जाते हैं जिन्हें विद्यार्थी पढ़ते हैं।
प्रश्न 15: विद्यार्थियों से कौन-कौन से वाचन करवाए जाते हैं?
उत्तर: मुखर और मौन वाचन करवाए जाते हैं।
प्रश्न 16: शब्दों का अर्थ विद्यार्थियों को बताया जाना चाहिए?
उत्तर: नहीं, शब्दों का अर्थ बताना अपेक्षित नहीं है।
प्रश्न 17: वर्णों की पहचान को दृढ़ करने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: निरंतर अभ्यास आवश्यक है।
प्रश्न 18: श्रवण-वाचन का अभ्यास क्यों करवाया जाता है?
उत्तर: वर्णों और मात्राओं की सही पहचान और उच्चारण के लिए।
प्रश्न 19: अध्यापन संकेत क्या सुझाते हैं?
उत्तर: अध्यापन संकेत सुझाते हैं कि वर्णों का परिचय चित्रों और मात्राओं के माध्यम से कराना चाहिए।
प्रश्न 20: बड़े चित्रों का क्या उपयोग है?
उत्तर: वर्णों और मात्राओं को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए।
प्रश्न 21: रेखांकित करने का अभ्यास क्यों करवाया जाता है?
उत्तर: ताकि विद्यार्थी केवल पहचानने में सक्षम हों।
प्रश्न 22: छात्रों से शब्दों को पढ़वाने का क्रम क्या है?
उत्तर: पहले श्यामपट्ट पर पढ़वाना, फिर मुखर और मौन वाचन।
प्रश्न 23: श्यामपट्ट पर क्यों लिखा जाता है?
उत्तर: विद्यार्थियों को दृष्टि से देखकर सीखने में मदद करने के लिए।
प्रश्न 24: प्रत्येक पृष्ठ पर स्वर और मात्राएँ किसे दिखानी हैं?
उत्तर: विद्यार्थियों को और स्वयं श्यामपट्ट पर लिखकर।
प्रश्न 25: अभ्यास का बार-बार होना क्यों जरूरी है?
उत्तर: ताकि वर्णों और मात्राओं की पहचान मजबूत हो।
प्रश्न 26: शब्दों का सुलेखन और श्रुतलेखन क्या है?
उत्तर: सुलेखन = लिखना, श्रुतलेखन = सुनकर लिखना।
प्रश्न 27: चित्रों का निरीक्षण क्यों करवाया जाता है?
उत्तर: ताकि विद्यार्थी शब्द और वर्णों से जुड़ी वस्तुओं को समझ सकें।
प्रश्न 28: वर्णों और मात्राओं का अभ्यास कब संपन्न होता है?
उत्तर: निरंतर अभ्यास और पुनरावर्तन से।
प्रश्न 29: विद्यार्थी शब्दों को किस तरह पढ़ते हैं?
उत्तर: पहले केवल पहचान कर, फिर मुखर और मौन रूप से।
प्रश्न 30: इस पाठ का सबसे मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: वर्णमाला, स्वर, व्यंजन और मात्राओं की सही पहचान और अभ्यास कराना।
Answer by Dimpee Bora