Chapter- 12                   असली गवाह


1. प्रश्न: अजनबियों ने महाराज के सामने क्या दावा किया?

उत्तर: अजनबियों ने महाराज के सामने यह दावा किया कि जो थैली उनके हाथ में है, वह वास्तव में उनकी अपनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बालचंद्रन नाम का व्यक्ति उनकी थैली छीनकर सिक्के लूट ले गया है। अपने झूठे दावे को सच साबित करने के लिए उन्होंने बड़ी आत्मविश्वास के साथ महाराज को बताया कि थैली में पूरे पाँच सौ सिक्के मौजूद हैं, जिससे वे असली मालिक प्रतीत हों।


2. प्रश्न: बालचंद्रन ने महाराज को क्या बताया?

उत्तर: बालचंद्रन ने हाथ जोड़कर महाराज के सामने पूरी विनम्रता से कहा कि वह दुकान बंद करते समय रोज की तरह सारे सिक्के गिनकर थैली में रख रहा था। उसी समय ये अजनबी लोग अचानक आ गए और उसकी थैली छीनने की कोशिश करने लगे। उसने अपनी बेगुनाही के समर्थन में बताया कि वह एक ईमानदार हलवाई है और ऐसी हरकत करना उसके स्वभाव में नहीं है।


3. प्रश्न: अजनबियों ने थैली में कितने सिक्के होने की बात कही?

उत्तर: अजनबियों ने अपने दावे को मजबूत करते हुए कहा कि थैली में पाँच सौ सिक्के हैं। वे चाहते थे कि महाराज सिक्के गिनकर यह मान लें कि थैली उनकी है, ताकि बालचंद्रन को दोषी ठहराया जा सके।


4. प्रश्न: महाराज किस बात को लेकर असमंजस में थे?

उत्तर: महाराज के सामने दोनों पक्ष अपने-अपने दावे पर टिके हुए थे और कोई प्रत्यक्ष गवाह भी मौजूद नहीं था। दोनों की बातें सुनकर वे तय नहीं कर पा रहे थे कि सिक्कों का असली मालिक कौन है और किस पर विश्वास किया जाए। यही वजह थी कि वे निर्णय लेने में असमंजस में पड़ गए।


5. प्रश्न: महाराज ने समस्या सुलझाने की ज़िम्मेदारी किसे दी?

उत्तर: महाराज ने इस उलझन भरी स्थिति को देखकर तेनालीराम को बुलाया और उन्हें सच्चाई का पता लगाने तथा असली अपराधी को पहचानने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्हें विश्वास था कि तेनालीराम अपनी चतुराई से समस्या अवश्य हल करेंगे।


6. प्रश्न: तेनालीराम ने तीनों को कहाँ ले जाकर पूछताछ की?

उत्तर: तेनालीराम ने सत्य का पता लगाने के लिए तीनों को एकांत में यानी एक कोने में ले जाकर फिर से अलग-अलग पूछताछ शुरू की। उनका उद्देश्य था कि किसी की बात में झूठ या असंगति पकड़ी जा सके।


7. प्रश्न: तेनालीराम को बालचंद्रन के बारे में क्या लगा?

उत्तर: तेनालीराम को लगा कि बालचंद्रन एक प्रसिद्ध और ईमानदार हलवाई है। ऐसे व्यक्ति के लिए चोरी जैसी हरकत करना असंभव सा लगता था। परंतु केवल अनुमान के आधार पर उसका समर्थन करना उचित नहीं था, इसलिए तेनालीराम ने उसकी बेगुनाही सिद्ध करने की तरकीब खोजनी आवश्यक समझी।


8. प्रश्न: बालचंद्रन की बेगुनाही साबित करना क्यों कठिन था?

उत्तर: घटना के समय कोई प्रत्यक्ष गवाह मौजूद नहीं था। अजनबियों की बातें भी विश्वास के साथ कही गई थीं। दोनों पक्ष अपने-अपने दावे पर डटे थे, जिससे यह साबित करना कठिन था कि बालचंद्रन निर्दोष है और थैली उसी की है।


9. प्रश्न: तेनालीराम को अचानक क्या सूझा?

उत्तर: गहन विचार के बाद तेनालीराम के मन में अचानक एक बेहद चतुर और कारगर तरकीब आई। उन्होंने समझ लिया कि यदि थैली वास्तव में बालचंद्रन की है, तो उसकी पहचान किसी न किसी संकेत से अवश्य हो सकती है।


10. प्रश्न: तेनालीराम ने सिपाही को क्या लाने का आदेश दिया?

उत्तर: उन्होंने सिपाही को तुरंत एक बड़े बरतन में उबलता हुआ पानी लाने का आदेश दिया। यह देखकर सभी लोग हैरान हो गए कि गर्म पानी का इस समस्या से क्या संबंध हो सकता है।


11. प्रश्न: तेनालीराम को क्यों लगा कि उबलता पानी मदद करेगा?

उत्तर: तेनालीराम को पता था कि बालचंद्रन हलवाई का काम करता है और काम करते समय उसके हाथों पर अक्सर घी लगा रह जाता है। यदि थैली उसने पकड़ी होगी, तो सिक्कों पर उसका घी लगा होगा, जो उबलते पानी में डालने पर ऊपर तैर आएगा।


12. प्रश्न: घी ने कैसे गवाही दी?

उत्तर: जैसे ही सिक्कों को उबलते पानी में डाला गया, थोड़ी ही देर में पानी की सतह पर घी की परत तैरने लगी। इससे स्पष्ट हो गया कि सिक्के उन्हीं हाथों ने छुए हैं जिन पर घी लगा था, अर्थात् सिक्के बालचंद्रन के थे।


13. प्रश्न: घी ऊपर आते ही अजनबियों की क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर: इस खुलासे ने अजनबियों का झूठ उजागर कर दिया। अचानक घी का ऊपर आना उनकी चोरी का सीधा प्रमाण बन गया। उनका चेहरा पीला पड़ गया और वे घबराकर असहज हो गए।


14. प्रश्न: अजनबियों ने क्या करने की कोशिश की?

उत्तर: अपनी चाल पकड़ी जाने पर वे डर गए और वहाँ से भागने की कोशिश करने लगे, ताकि बच निकलें।


15. प्रश्न: अजनबियों को कैसे पकड़ा गया?

उत्तर: सिपाहियों ने तुरंत उन्हें पकड़ लिया और उनकी धोखाधड़ी तथा चोरी के कारण जेल में डाल दिया।


16. प्रश्न: बालचंद्रन को क्या वापस मिला?

उत्तर: बालचंद्रन को उसकी असली थैली, जिसमें उसके मेहनत की कमाई के सिक्के थे, सुरक्षित वापस मिल गई।


17. प्रश्न: बालचंद्रन ने तेनालीराम के प्रति क्या व्यक्त किया?

उत्तर: सत्य सामने आने पर बालचंद्रन ने तेनालीराम के प्रति गहरी कृतज्ञता और धन्यवाद व्यक्त किया। वह बहुत खुश हुआ कि उसकी इमानदारी सुरक्षित रही।


18. प्रश्न: बालचंद्रन किस मनःस्थिति में घर लौटा?

उत्तर: बालचंद्रन खुशी और संतोष से भरकर घर लौटा, क्योंकि उसकी मेहनत और सत्य दोनों की जीत हुई थी।


19. प्रश्न: तेनालीराम की किस बात की महाराज ने प्रशंसा की?

उत्तर: महाराज ने तेनालीराम की असाधारण चतुराई, बुद्धिमत्ता और न्यायप्रियता की अत्यधिक सराहना की।


20. प्रश्न: महाराज ने तेनालीराम को क्या दिया?

उत्तर: उनके उत्कृष्ट कार्य के सम्मान में महाराज ने उन्हें उपयुक्त और योग्य पुरस्कार प्रदान किए।

Answer by Dimpee Bora