Chapter- 3                  अपकार का उपकार

   

1. प्रश्न: कौए का एक अंडा नीचे क्यों गिर गया?


उत्तर: घोंसला उस समय किसी कारण से जोर-जोर से हिल रहा था और इसी हलचल में अंडा संभल न सका। घोंसले में किए गए इस हिलने-डुलने के कारण एक अंडा लुढ़ककर नीचे जा गिरा।


2. प्रश्न: अंडा कहाँ जाकर गिरा?


उत्तर: वह अंडा सीधे नीचे मौजूद तालाब में जाकर गिरा, जहाँ पानी की सतह ने उसे तुरंत टूटने से बचा लिया।


3. प्रश्न: अंडा गिरने पर कौआ दंपति कैसी प्रतिक्रिया करते हैं?


उत्तर: अपने अंडे के गिरने पर कौआ और उसकी पत्नी बहुत दुखी हो जाते हैं। वे तालाब के किनारे बैठकर फूट-फूटकर रोने लगते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका बच्चा अब सुरक्षित नहीं रहा।


4. प्रश्न: अंडा गिरते हुए किसने देखा?


उत्तर: तालाब के पानी में बैठे हुए कछुए ने यह पूरा दृश्य देखा और तुरंत समझ लिया कि अंडा खतरे में है।


5. प्रश्न: कछुए ने अंडे को कैसे बचाया?


उत्तर: कछुए ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए अंडा गिरते ही अपने मुँह में पकड़ लिया। फिर वह धीरे-धीरे तैरकर किनारे आया और अंडे को सुरक्षित घास पर रख दिया।


6. प्रश्न: कछुआ अंडा लौटाते समय क्या कहता है?


उत्तर: कछुआ कौए से कहता है कि यदि अंडा पानी की जगह कठोर जमीन पर गिरता तो निश्चित रूप से टूट जाता, लेकिन सौभाग्य से वह पानी में गिरा और वह समय पर उसे पकड़कर सुरक्षित कर सका।


7. प्रश्न: कछुए के अनुसार अंडा क्यों नहीं टूटा?


उत्तर: कछुए के अनुसार अंडा इसलिए नहीं टूटा क्योंकि वह तालाब में गिरा, जहाँ पानी ने उसे सहारा दिया, और ऊपर से उसने उसे तुरंत पकड़कर सुरक्षित कर लिया।


8. प्रश्न: कछुए की मदद देखकर कौआ कैसा महसूस करता है?


उत्तर: कछुए की दयालुता देखकर कौआ अत्यंत शर्मिंदा और पश्चाताप से भर जाता है। उसे एहसास होता है कि वह दूसरों के साथ बहुत गलत करता था।


9. प्रश्न: कौए को अपनी कौन-सी बातें याद आती हैं?


उत्तर: कौए को याद आता है कि वह अक्सर कछुए और अन्य पक्षियों-जीवों को तंग करता था, उन पर चिल्लाता था या उन्हें परेशान कर देता था। अब उसे अपने किए पर बहुत पछतावा होने लगता है।


10. प्रश्न: कौए को कछुए को धन्यवाद देने में कठिनाई क्यों हुई?


उत्तर: कछुए की दया और अपने किए पापों को याद करके कौआ इतना भावुक और लज्जित हो जाता है कि उसके पास धन्यवाद देने के लिए शब्द ही नहीं बचते।


11. प्रश्न: कौआ क्या संकल्प लेता है?


उत्तर: कौआ कछुए से वादा करता है कि अब वह जीवन में कभी भी किसी को कष्ट नहीं देगा और सबके साथ मिलकर शांति और सद्भाव से रहेगा।


12. प्रश्न: कछुआ कौए को क्या कहता है?


उत्तर: कछुआ कौए को सांत्वना देते हुए कहता है, “जब जागो तभी सवेरा,” अर्थात गलती समझ आए तो तुरंत सुधार शुरू कर देना चाहिए।


13. प्रश्न: कहानी का मुख्य संदेश क्या है?


उत्तर: कहानी का मुख्य संदेश यह है कि हमें सभी जीवों के साथ प्रेम, सहानुभूति और सहयोग की भावना रखनी चाहिए—यही “जियो और जीने दो” का सार है।


14. प्रश्न: कछुए ने कौए का अंडा क्यों बचाया?


उत्तर: कछुए ने अंडा इसलिए बचाया क्योंकि उसमें दया, संवेदनशीलता और मदद करने की स्वाभाविक भावना थी। वह किसी को भी नुकसान में देखकर चुप नहीं बैठ सकता था।


15. प्रश्न: कौए की आँखें क्यों खुल गईं?


उत्तर: कछुए की करुणा देखकर कौए को पहली बार एहसास हुआ कि उसने अब तक दूसरों को कितनी पीड़ा दी है। यही एहसास उसकी आँखें खोल देता है।


16. प्रश्न: कछुआ किस तरह के व्यवहार का प्रतिनिधित्व करता है?


उत्तर: कछुआ दया, सहानुभूति, संयम, करुणा और सकारात्मकता जैसे श्रेष्ठ गुणों का प्रतिनिधित्व करता है।


17. प्रश्न: “अब सब हिल-मिलकर रहेंगे” — इसका क्या अर्थ है?


उत्तर: इसका अर्थ है कि अब कौआ, कछुआ और अन्य जीव आपसी मनमुटाव छोड़कर एक-दूसरे के साथ प्रेम और एकता से रहेंगे।


18. प्रश्न: कछुआ अंडा लेकर कहाँ रखता है?


उत्तर: कछुआ अंडे को सावधानी से तालाब से बाहर लाकर पास की मुलायम घास पर रख देता है, जहाँ वह सुरक्षित रह सकता था।


19. प्रश्न: अंडा टूटने का खतरा किस स्थिति में था?


उत्तर: यदि अंडा पानी में गिरने के बजाय जमीन या पत्थरों पर गिरता, तो वह तुरंत फट जाता और भीतर की जान समाप्त हो जाती।


20. प्रश्न: कहानी का शीर्षक “जियो और जीने दो” क्यों उचित है?


उत्तर: क्योंकि इस कहानी में कछुआ अपनी दया से कौए के बच्चे की रक्षा करता है और कौआ दूसरों को कष्ट न देने का वचन लेता है। यही दूसरों को जीने देने का सही संदेश है।


21. प्रश्न: कौए ने किसके सामने अपनी गलती स्वीकार की?


उत्तर: कौए ने कछुए के सामने अपनी गलतियाँ स्वीकार कीं, क्योंकि कछुए की दया ने उसे आत्मचिंतन के लिए प्रेरित किया।


22. प्रश्न: कछुए की दया कौए को क्या सिखाती है?


उत्तर: कछुए की दया यह सिखाती है कि भलाई करके दूसरों का जीवन सुरक्षित किया जा सकता है, और यही सही इंसानियत है।


23. प्रश्न: कौआ किस बात पर ‘लज्जित’ होता है?


उत्तर: वह अपने पुराने बुरे व्यवहार, दूसरों को कष्ट देने और अहंकार के कारण बहुत शर्म महसूस करता है।


24. प्रश्न: कछुए की मदद के बाद कौए ने क्या महसूस किया?


उत्तर: कौए ने कृतज्ञता, पछतावा और एक नई सीख महसूस की—कि दया सबसे बड़ा गुण है।


25. प्रश्न: कछुए का अंडा पकड़ने का काम किस गुण को दर्शाता है?


उत्तर: यह उसके ध्यान, त्वरित प्रतिक्रिया, दयालुता और जिम्मेदारी जैसे गुणों को दर्शाता है।


26. प्रश्न: कौए ने “किसी को कष्ट नहीं दूँगा” क्यों कहा?


उत्तर: क्योंकि उसे एहसास हो चुका था कि दूसरों को दुख देना गलत है, और कछुए की भलाई ने उसे बदल दिया था।


27. प्रश्न: कहानी में कौन-सा पात्र सकारात्मक परिवर्तन से गुजरता है?


उत्तर: कौआ वह पात्र है जो अपनी गलती समझकर पूरी तरह सुधार की दिशा में बढ़ता है।


28. प्रश्न: कछुआ कौए को सुधारने के लिए क्या उपदेश देता है?


उत्तर: कछुआ उसे सिखाता है कि गलती समझ आ जाए तो उससे सीख लेकर आगे अच्छा जीवन जीना चाहिए।


29. प्रश्न: “जब जागो तभी सवेरा” का अर्थ क्या है?


उत्तर: इसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति अपनी गलती चाहे जब भी समझे, उसके सुधार की शुरुआत उसी पल से मानी जाती है।


30. प्रश्न: कहानी का जीवन-संदेश बच्चों के लिए क्या है?


उत्तर: यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि हमें दयालु, मिलनसार, सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए और कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए। दूसरों की मदद करना ही सच्चा मानव धर्म है।

Answer by Dimpee Bora