Chapter- 9                       सब चढ़ा दो वहाँ


1. प्रश्न: तितलियों ने फूल से क्या पूछा?


उत्तर: तितलियों ने बड़े उत्सुकतापूर्वक फूल से यह जानना चाहा कि वह हर परिस्थिति में, चाहे वातावरण कितना भी प्रतिकूल क्यों न हो, हमेशा इतना प्रसन्न और संतुष्ट कैसे बना रहता है।


2. प्रश्न: फूल किस वातावरण में रहता है?


उत्तर: फूल स्वयं बताता है कि वह कठोर और चुभने वाले काँटों के बीच रहता है, जहाँ आराम बहुत कम है, फिर भी वह हमेशा खिलखिलाता रहता है।


3. प्रश्न: फूल खुश क्यों रहता है?


उत्तर: फूल कहता है कि उसकी खुशी का रहस्य दूसरों को अपनी सुगंध बाँटने में है। वह खुशबू बिखेरकर आनंद महसूस करता है, इसलिए कठिनाइयों के बीच भी प्रसन्न रहता है।


4. प्रश्न: पंछियों ने पेड़ से क्या पूछा?


उत्तर: पंछियों ने पेड़ से आश्चर्य के साथ पूछा कि वह हर समय शांत, मस्त और संतुलित कैसे रहता है, जबकि मौसम और परिस्थितियाँ लगातार बदलती रहती हैं।


5. प्रश्न: पेड़ को सुख किससे मिलता है?


उत्तर: पेड़ बताता है कि उसका सुख दूसरों को फल देने में छिपा है। जब वह अपनी शाखाओं से पके फल सबके साथ बाँटता है, तो उसे आत्मिक आनंद मिलता है।


6. प्रश्न: आँख ने ओंठ से क्या पूछा?


उत्तर: आँख ने ओंठों से यह प्रश्न किया कि वे हर स्थिति में मुस्कुराने की शक्ति कैसे पा लेते हैं, जबकि दुनिया में दुख और समस्याएँ भी बहुत हैं।


7. प्रश्न: ओंठ किस बात की कोशिश करते हैं?


उत्तर: ओंठ कहते हैं कि वे हर संभव प्रयास करते हैं कि किसी भी आँख से आँसू न बहने पाएँ, विशेष रूप से नए साल में लोग केवल खुशियों का अनुभव करें।


8. प्रश्न: कवि ने सृजनहार (ईश्वर) से क्या पूछा?


उत्तर: कवि ने ईश्वर से अत्यंत विनम्रता के साथ पूछा कि इस विश्व में ईश्वर से भी बड़ा कौन हो सकता है, जो सबसे अधिक श्रेष्ठ और पूजनीय माना जाए।


9. प्रश्न: सृजनहार ने सबसे बड़ा किसे बताया?


उत्तर: सृजनहार ने बिना किसी संदेह के कहा कि इस संसार में माता-पिता से बड़ा कोई नहीं है, क्योंकि उनका स्थान सबसे आदरणीय है।


10. प्रश्न: सृजनहार ने मनुष्य को क्या सीख दी?


उत्तर: सृजनहार ने मनुष्य को यह शिक्षा दी कि अपने माता-पिता के चरणों में अपना सर्वस्व—समय, प्रेम, सम्मान और सेवा—अर्पित करना ही सच्चा धर्म है।


11. प्रश्न: फूल काँटों के बीच रहकर भी खुश क्यों है?


उत्तर: फूल इसीलिए खुश है क्योंकि उसका स्वभाव देने वाला है। वह कठिनाइयों (काँटों) को महत्व नहीं देता, बल्कि दूसरों के लिए सुगंध फैलाना ही उसका धर्म है, और इसी निस्वार्थ भाव में उसे सच्ची प्रसन्नता मिलती है।


12. प्रश्न: पेड़ के सुख का मूल आधार क्या है?


उत्तर: पेड़ का सुख उसकी उदार प्रकृति में छिपा है। वह अपने फल, छाया और ताज़ी हवा को बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ बाँटता है, और इसी दानशीलता में वह आनंद का अनुभव करता है।


13. प्रश्न: पंछियों का पेड़ से प्रश्न क्या दर्शाता है?


उत्तर: पंछियों का प्रश्न यह दर्शाता है कि वे पेड़ की सहनशीलता, स्थिरता और उदार हृदय से प्रभावित हैं। उनके मन में यह जिज्ञासा है कि इतना देने वाला वृक्ष कैसे हमेशा शांत और संतुष्ट रह पाता है।


14. प्रश्न: ओंठ का मुस्कुराना जीवन का कौन-सा गुण प्रकट करता है?


उत्तर: ओंठों की मुस्कान सकारात्मकता, धैर्य और दूसरों को आशा देने की क्षमता को दर्शाती है। यह बताती है कि कठिन समय में भी मुस्कुराना एक महान आंतरिक शक्ति है।


15. प्रश्न: “कोई आँसू न आए”—इस पंक्ति में कौन-सी मानवता छिपी है?


उत्तर: यह पंक्ति मानवता, सहानुभूति और दया का गहरा संदेश देती है। इसमें दूसरों के दुःख को मिटाने और सभी के जीवन में खुशी फैलाने की भावना निहित है।


16. प्रश्न: फूल हमें कौन-सा जीवन मूल्य सिखाता है?


उत्तर: फूल हमें यह सिखाता है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन हों, हमें सकारात्मक रहकर अपनी अच्छाइयाँ दूसरों में बाँटनी चाहिए, क्योंकि सच्ची खुशी देने में ही है।


17. प्रश्न: पेड़ की सीख समाज के लिए कैसे उपयोगी है?


उत्तर: पेड़ की सीख हमें उदार बनने, बाँटने और समाज में सहयोग की भावना जगाने का संदेश देती है। यह समाज को अधिक सौहार्दपूर्ण बनाती है।


18. प्रश्न: ओंठ और आँख के संवाद से कौन-सी भावना प्रकट होती है?


उत्तर: इस संवाद से संवेदनशीलता, हृदय की कोमलता और दूसरों के दुख को कम करने की प्रकृति सामने आती है। यह मनुष्य के भीतर छिपी दयालुता की झलक है।


19. प्रश्न: “माँ-बाप से बड़ा कोई नहीं”—यह कथन क्यों सत्य है?


उत्तर: क्योंकि माता-पिता ही हमें जन्म देते हैं, हमारा पालन-पोषण करते हैं और जीवन की हर परीक्षा में हमारे साथ खड़े रहते हैं। उनका प्रेम निष्काम और सर्वोच्च होता है।


20. प्रश्न: कविता बच्चों को कौन-सा मुख्य संस्कार प्रदान करती है?


उत्तर: यह कविता बच्चों को माता-पिता का सम्मान करने, दूसरों के सुख के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करने और सकारात्मक, उदार एवं दयालु बनने का संस्कार देती है।


21. प्रश्न: फूल, पेड़ और ओंठ—तीनों में क्या समानता है?


उत्तर: ये तीनों प्रकृति के प्रतीक हैं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों के लिए कार्य करते हैं। इनमें स्वार्थ, शिकायत या अपेक्षा नहीं है।


22. प्रश्न: काँटे, आँसू और कठिन परिस्थितियाँ किसका प्रतीक हैं?


उत्तर: ये जीवन की चुनौतियाँ और संघर्षों का प्रतीक हैं। इनके बीच भी आगे बढ़ना ही जीवन की वास्तविक सुंदरता है।


23. प्रश्न: फूल और पेड़ का आचरण मनुष्यों के लिए आदर्श क्यों है?


उत्तर: क्योंकि वे बिना किसी अपेक्षा के देते हैं। उनका जीवन हमें दान, सेवा और उदार हृदय का रास्ता दिखाता है, जो मानवता की नींव है।


24. प्रश्न: सृजनहार माता-पिता को सर्वोच्च क्यों कहता है?


उत्तर: क्योंकि वे बिना किसी स्वार्थ के हमारा निर्माण, पालन-पोषण और मार्गदर्शन करते हैं। उनका स्थान ईश्वर समान है।


25. प्रश्न: ओंठों की मुस्कान की गहराई क्या है?


उत्तर: ओंठों की मुस्कान में सकारात्मक ऊर्जा, लोगों को सांत्वना देने की क्षमता और कठिनाई में भी आशा जगाने की शक्ति छिपी है।


26. प्रश्न: कविता प्रकृति के माध्यम से मनुष्य को कौन-सी सीख देती है?


उत्तर: यह कविता प्रकृति के गुणों—सेवा, दान, प्रेम, धैर्य और सम्मान—को मनुष्य जीवन में अपनाने का संदेश देती है।


27. प्रश्न: फूल और पेड़ की खुशी का आधार क्या है?


उत्तर: उनकी खुशी दूसरों को देने और बाँटने में है। वे प्राप्त करने से अधिक देने में आनंद अनुभव करते हैं।


28. प्रश्न: “हर हाल में मस्त रहना” किस जीवन कौशल को दर्शाता है?


उत्तर: यह भाव हमें आत्मसंयम, मानसिक मजबूती और परिस्थितियों को स्वीकारकर आगे बढ़ने की कला सिखाता है।


29. प्रश्न: माँ-बाप को सर्वोच्च बताकर कवि क्या सामाजिक संदेश देना चाहता है?


उत्तर: कवि समाज को यह याद दिलाना चाहता है कि आधुनिक समय में भी माता-पिता का सम्मान, सेवा और आभार हमारा सर्वोच्च कर्तव्य होना चाहिए।


30. प्रश्न: कविता का समग्र और अंतिम संदेश क्या है?


उत्तर: यह कविता सिखाती है कि हमें परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि फूल और पेड़ की तरह सकारात्मक रहकर दूसरों के जीवन में खुशियाँ बाँटनी चाहिए। साथ ही, सृजनहार के अनुसार माता-पिता का सम्मान करना जीवन का सर्वोच्च धर्म है।

Answer by Dimpee Bora