A. अति संक्षिप्त प्रश्न :
निम्नलिखित प्रश्नों के शुद्ध उत्तरों का चयन करो :
(क) नारद भोलाराम का घर कैसे पहचान गये ? [HSLC'
(अ) माँ-बेटी के सम्मिलित क्रंदन सुनकर
(आ) उसका टूटा-फूटा मकान देखकर
(इ) लोगों से घर का पता पूछकर
(ई) घर के पास नाले को देखकर
उत्तरः (अ) माँ-बेटी के सम्मिलित क्रंदन सुनकर
(ख) बड़े साहव ने नारद को भोलाराम के दरखास्तों वजन रखने की सलाह दी थी। यहाँ वजन का है - [HSLC '1
(आ) पेपरवेट
(आ) वीणा
(इ) रिशवत
(ई) मिठाई का डब्बे
उत्तरः (आ) वीणा
(ग) भोलाराम के जीव ने कितने दिन पहले देहत्यागी थ [HSLC '12
(अ) तीन दिन पहले
(अ) चार दिन पहले
(इ) पाँच दिन पहले
(ई) सात दिन पहले
उत्तरः (इ) पाँच दिन पहले
(घ) भोलाराम कब रिटायर हुआ था? [HSLC'13
(अ) पाँच साल पहले
(आ) तीन साल पहले
(इ) चार साल पहले
(ई) सात साल पहले
उत्तरः (अ) पाँच साल पहले
(ङ) 'भोलाराम का जीव' किस प्रकार की कहानी है ? [HSLC '13]
(अ) आदर्शबादी
(आ) व्यंग्यात्मक
(इ) प्रतीकात्मक
(ई) यथार्थवादी
उत्तरः (आ) व्यंग्यात्मक
(च) भोलाराम कहाँ रहता था ? [HSLC '14]
(अ) चबलपुर शहर में
(आ) धमालपुर शहर में
(इ) दानापुर शहर में
(ई) लालपुर शहर में
उत्तरः (अ) जबलपुर शहर में
(छ) 'तुम्हारी भी रिटायर होने की उम्र आ गई।' यह किसका कथन है ? [HSLC'15]
(अ) नारद का
(आ) धर्मराज का
(इ) चित्रगुप्त का
(ई) भोलाराम का
उत्तरः (इ) चित्रगुप्त का
2.भोलाराम के जीव ने कितने दिन पहले देह त्यागी थी ? [HSLC '16]
उत्तरः पाँच दिन पहले
3. 'भोलाराम का जीव' शीर्षक पाठ के लेखक कौन हैं ? [HSLC '17]
उत्तरः हरिशंकर परसाई
4. बड़े साहब ने नारद को भीलाराम के दरखवास्तों पर वजन रखने की सलाह दी। यहाँ 'वजन' का तात्पर्य कया है[HSLC '18]
उत्तरः रिश्वत या किसी प्रकार की सुविधा
5. धर्मराज का क्या काम है ? [HSLC'19]
उत्तरः धर्मराज का काम जीवों को कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नर्क में भेजना है।
6. भोलाराम के जीव ने कितने दिन पहले देह त्यागी थी ? [HSLC'20]
उत्तरः पाँच दिन पहले
B. संक्षिप्त प्रश्न :
1. धर्मराज ने नर्क में किन-किन लोगों को आने की पुष्टि की ? उन लोगों ने क्या-क्या अनियमितताएँ की थी ? [HSLC '11]
उत्तरः धर्मराज ने नर्क में उन लोगों की पुष्टि की जो भ्रष्टाचार, बेईमानी और समाज में फैले पाखंड के लिए जिम्मेदार थे। उन्होंने बताया कि नर्क में बड़े गुणी कारीगर और इंजीनियर आए हैं जिन्होंने ठेकेदारों के साथ मिलकर रद्दी इमारतें बनाईं और सरकारी योजनाओं का पैसा खाया।
2. बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के पेंशन-केस के बारे में क्या बताया ? [HSLC '12]
उत्तरः बड़े साहब ने नारद को बताया कि भोलाराम ने पेंशन की दरख्वास्तें तो भेजी थीं, पर उन पर ध्यान नहीं दिया गया था, इसलिए वे कहीं उड़ गईं। उन्होंने कहा कि पेंशन का मामला कई दफ्तरों में जाता है और इसके लिए "दान-पुण्य" करना पड़ता है।
3. साहब ने नारद को पेंशन के वजन के सम्बन्ध में क्या कहा है? [HSLC'15] |
4. चपरासी ने नारद को क्या सलाइ दी ? [HSLC '16, '17] |
उत्तरः चपरासी ने नारद को सलाह दी कि उन्हें सीधे बड़े साहब से मिलना चाहिए। उसने कहा कि अगर वे बड़े साहब को खुश कर दें, तो पेंशन का काम जल्दी हो सकता है।
5. नारद के द्दारा भोलाराम की बीमारी के बारे में पूछे जाने पर | भोलाराम की पत्नी ने क्या उत्तर दिया था [HSLC'18]
उत्तरः भोलाराम की पत्नी ने उत्तर दिया कि उनके पति "गरीबी की बीमारी" से पीड़ित थे। उन्होंने बताया कि पेंशन नहीं मिलने के कारण वे परेशान थे और भूखे रहने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
6. यमदूत के लिए भोलाराम संबंधी परेशानी क्या थी ? [HSLC'19]
उत्तरः यमदूत के लिए परेशानी यह थी कि भोलाराम का जीव उसे चकमा देकर कहीं गायब हो गया था। उसने पूरी ब्रह्मांड छान मारा, लेकिन भोलाराम का जीव कहीं नहीं मिला।
7. 'भोलाराम का जीव' शीर्षक कहानी का उद्देश्य क्या है? [HSLC20]
उत्तरः इस कहानी का उद्देश्य समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, सरकारी तंत्र की अक्षमता और आम आदमी की कठिनाइयों को व्यंग्य के माध्यम से उजागर करना है। यह बताता है कि किस तरह सरकारी सिस्टम और आर्थिक हालातों के कारण आम नागरिक का जीवन प्रभावित होता है।
अतिरिक्त आवश्यकीय प्रश्न
A. अति संक्षिप्त प्रश्न :
1. भोलाराम ने मकान मालिक को कितने साल से किराया नहीं | दिया था ?
उत्तरः एक साल से।
2. नारद कैसे भोलाराम के घर पहचान गए?
उत्तरः माँ-बेटी के सम्मिलित क्रंदन से नारद ने भोलाराम का मकान पहचान लिया।
3. हरिशंकर परसाई कौन है ?
उत्तरः हरिशंकर परसाई एक प्रतिष्ठित हिंदी व्यंग्यात्मक लेखक थे, जिन्होंने समाज में फैले पाखण्ड और भ्रष्टाचार पर व्यंग्य रचनाएँ कीं।
4. कौन बार बार रजिस्तर देख रहे थे ?
उत्तरः चित्रगुप्त बार-बार रजिस्टर देख रहे थे।
5. दूत को किसके जीव ने धोखा दिया ?
उत्तरः दूत को भोलाराम के जीव ने धोखा दिया।
6. भोलाराम किस मुहल्ले में रहता था ?
उत्तरः भोलाराम जबलपुर शहर के घमापुर मुहल्ले में रहता था।
7. भोलाराम के परिवार में कौन कौन थे ?
उत्तरः भोलाराम की पत्नी, दो बेटे और एक बेटी थे।
8. भोलाराम का उम्र कितना था ?
उत्तरः लगभग 65 साल।
9. भोलाराम के फाइल में लगभग कितने दरखास्त थे ?
उत्तरः लगभग 150 दरखास्तें।
10. भोलाराम का जीव कहाँ छिपा हुआ था ?
उत्तरः भोलाराम का जीव पेंशन की दरख्वास्तों में अटका हुआ था।
11. भोलाराम का घर किस शहर में था ?
उत्तरः भोलाराम का घर जबलपुर शहर में था।
12. भोलाराम को सेवानिवृत हुए कितने वर्ष हुए थे ?
उत्तरः पाँच साल पहले सेवानिवृत हुए थे।
13. भोलाराम की पत्नी ने भोलाराम को किस बीमारी का शिकार | बताया ?
उत्तरः पत्नी ने भोलाराम को "गरीबी की बीमारी" का शिकार बताया।
14. बड़े साहब ने नारद से भोलाराम को पेंशन मंजुर करने के बदले क्या माँगा ?
उत्तरः बड़े साहब ने नारद से भोलाराम की दरख्वास्त पर वजन रखने के लिए "दान" या "भेंट" माँगी।
15. किसने किंससे कहा लिखो :
(i) 'मामला, बड़ा दिलचस्प है। अच्छा, मुझे उसका नाम-पता तो बतलाओ ।'
उत्तरः "मामला, बड़ा दिलचस्प है। अच्छा, मुझे उसका नाम-पता तो बतलाओ।" नारद मुनि ने कहा।
(ii) 'आगे जाओ, महाराज।'
उत्तरः भोलाराम के बेटे ने कहा यम से कहा।
(iii) 'क्यों धर्मराज, कैसे चिन्तित बैठे है ?
उत्तरः नारद मुनि ने यम से कहा।
(iv) 'अरे तू कहाँ रहे इतने दिन ? भोलाराम का जीव कहाँ है ?'
उत्तरः यम ने दूत से कहा।
(v) 'महाराज, वह भी लापता है।'
उत्तरः चित्रगुप्त ने यम से कहा।
B. संक्षिप्त प्रश्न :
1. चित्रगुप्त ने पृथ्वि के व्यापार के सम्बन्ध में क्या कहा ?
उत्तरः चित्रगुप्त ने कहा कि आजकल पृथ्वी पर लोग एक-दूसरे को धोखा देने के लिए बहुत सक्रिय हैं। वे दोस्ती के नाम पर एक-दूसरे के फल उड़ा लेते हैं, और राजनीतिक दलों के नेता विरोधियों को गायब करने का काम करते हैं। इस प्रकार का व्यापार अब सामान्य हो गया है।
2. भोलाराम के जीव को लेकर यमराज क्यों चिंतित थे ?
उत्तरः यमराज चिंतित थे क्योंकि भोलाराम का जीव यमदूत के साथ नहीं आया और उसने रास्ते में चकमा देकर भागने का प्रयास किया। यदि ऐसे होने लगे, तो पाप और पुण्य का भेद मिट जाएगा, जिससे यमराज की भूमिका पर प्रश्न उठ सकता था।
3. 'आगे जाओ, महाराज।' यहाँ कौन, किसे और क्यों आगे जाने के लिए बता रहा है ? और क्यों ?
उत्तरः भोलाराम के बेटे ने नारद मुनि को यह कहा। वह उन्हें यह बताने के लिए कह रहा था कि वह भोलाराम की पत्नी से मिलने की कोशिश करें, क्योंकि उनके परिवार में दुख और परेशानी थी।
4. 'दरख्वास्ते पेपरवेट से नहीं दबती...' इससे लेखक क्या बताना चाहते है ?
उत्तरः लेखक यह बताना चाहते हैं कि सरकारी दफ्तरों में कामकाज के लिए पेपरवेट जैसे साधनों का महत्व नहीं होता। वास्तविकता में दरख्वास्तें और मामलों को बिना भेदभाव और नियमों के तर्कसंगत ढंग से ही संभालना चाहिए।
5. 'भोलाराम का जीव' व्यंगात्मक पाठ से लेखक क्या पेश करना चाहते हैं ?
उत्तरः लेखक भोलाराम के जीव के माध्यम से सरकारी प्रणाली की जटिलता और भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहते हैं। भोलाराम की दरख्वास्तें और उनकी पेंशन की समस्या यह दर्शाती है कि गरीबों को अपने हक के लिए कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
6. भोलाराम का जीव कहाँ छिपा हुआ था ? वह कब और क्यों चिल्ला उठा था ?
उत्तरः भोलाराम का जीव यमदूत से बचने के लिए कहीं छिपा हुआ था। जब नारद ने भोलाराम का नाम लिया, तो वह चिल्ला उठा कि वह पेंशन की दरख्वास्तों में अटका हुआ है और वहाँ से नहीं जा सकता।
7. चित्रगुप्त ने क्यों सोचा होगा कि नारद को भोलाराम के परिवार की तलाश में काफी घूमना पड़ेगा ?
उत्तरः चित्रगुप्त ने सोचा होगा कि भोलाराम का परिवार आर्थिक संकट में है और हो सकता है कि मकान मालिक ने उनकी स्थिति का लाभ उठाकर उन्हें निकाल दिया हो। इसलिए नारद को परिवार की तलाश में घूमना पड़ेगा।
8. 'पर ऐसा कभी नहीं हुआ मिलता है ? था।' यहाँ किस घटना का संकेत |
उत्तरः यह वाक्य उस घटना का संकेत है, जब भोलाराम का जीव यमदूत के साथ नहीं आया और इसके पीछे की परिस्थितियों ने इस असामान्य स्थिति को जन्म दिया।
9. यमदूतने भोलाराम के जीव के लापता होने के बारें में क्या बताया ?"।
उत्तरः यमदूत ने बताया कि जब उसने भोलाराम का जीव पकड़कर स्वर्ग की ओर बढ़ना शुरू किया, तो वह एक तीव्र वायु-तरंग पर सवार होते ही चकमा देकर भाग गया। यमदूत ने पूरे ब्रह्माण्ड में उसकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला।
10. भोलाराम की पारिवारिक स्थिति पर प्रकाश डालो।
उत्तरः भोलाराम की पारिवारिक स्थिति बेहद दयनीय थी। वह पेंशन का लाभ नहीं मिलने के कारण आर्थिक तंगी में था। उसकी पत्नी और बच्चे भूखमरी का सामना कर रहे थे। उसकी मृत्यु के बाद परिवार को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि उन्होंने अपनी जमा-पूंजी भी खत्म कर दी थी।
11. 'भोलाराम ने दरख्वास्ते तो भेजी थी, पर उनपर वजन नहीं रखा था।, इसलिए कहीं उड़ गई होंगी'- दफ्तर के बाबु के ऐसा कहने का क्या आशय था ?
उत्तरः इस वाक्य का आशय यह है कि भोलाराम की पेंशन से संबंधित दरख्वास्तों पर ध्यान नहीं दिया गया। बाबू का यह कहना है कि यदि दरख्वास्तों पर सही से ध्यान दिया गया होता या उन्हें प्राथमिकता दी गई होती (जैसे कि उन पर कुछ 'वजन' रखा गया होता), तो वे खोई नहीं होतीं। यहाँ 'वजन' का प्रयोग प्रतीकात्मक है, जिसका मतलब है कि सरकारी दफ्तरों में काम करने के लिए एक प्रकार का रिश्वत या चढ़ावा जरूरी होता है। यह एक व्यंग्य है जो भ्रष्टाचार और सरकारी कार्यप्रणाली की खामियों को उजागर करता है।
12. बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के पेंशन केस के बारे में क्या बताया ?
उत्तरः बड़े साहब ने नारद को बताया कि भोलाराम ने अपनी पेंशन के लिए कई बार दरख्वास्तें भेजी थीं, लेकिन सरकारी प्रक्रिया के कारण ये दरख्वास्तें सही तरीके से आगे नहीं बढ़ पाईं। उन्होंने कहा कि पेंशन का मामला कई दफ्तरों में घूमता है और इसमें समय लगता है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी कामकाज में अनेक बार एक ही बात को कई जगह लिखना पड़ता है, जिससे प्रक्रिया लंबी हो जाती है। साथ ही, उन्होंने नारद को बताया कि अगर जल्दी काम करवाना है, तो दान-पुण्य या रिश्वत की जरूरत होती है। यहाँ 'दान-पुण्य' का संदर्भ सरकारी बाबू के मन में रिश्वत के विचार से जुड़ा हुआ है, जिससे यह स्थिति और भी हास्यास्पद बन जाती है।
C. विवरणात्मक प्रश्न:
1. दूत अपनी सफाई में क्या क्या बता रहा था ? भोलाराम के जीव | ने उसे किस प्रकार चकमा दिया था ?
उत्तरः दूत अपनी सफाई में यह बता रहा था कि उसने भोलाराम के जीव को पाँच दिन पहले पकड़ा था, लेकिन जैसे ही वह उसे लेकर नगर के बाहर निकला, भोलाराम का जीव किसी तरह उसके चंगुल से छूटकर भाग गया। दूत ने कहा कि उसने सारा ब्रह्माण्ड छान मारा, लेकिन भोलाराम का जीव कहीं नहीं मिला।
2. बड़े साहब ने भोलाराम के पेंशन काम नहीं होने का क्या कारण बताया ?
उत्तरः बड़े साहब ने बताया कि भोलाराम की दरख्वास्तें "पेपरवेट से नहीं दबतीं", यानी वे ध्यान में नहीं रखी गई थीं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भोलाराम ने दान-पुण्य नहीं किया था, इसलिए उसकी दरख्वास्तों पर वजन नहीं रखा गया।
3. नारद को सरकारी अँफिस में किस प्रकार ठोकरे खाना पड़ा था ?
उत्तरः नारद ने एक के बाद एक कई बाबुओं और अफसरों के पास जाकर भोलाराम के पेंशन मामले के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें दूसरे बाबू के पास भेज दिया गया। अंततः एक चपरासी ने सुझाव दिया कि वे सीधे बड़े साहब से मिलें, क्योंकि वहां काम कराने के लिए रिश्वत की जरूरत होती है।
4. सरकारी कार्यालय के कार्य-व्यवस्था पर तीखा चोट देखे जाते हैं, परसाई के पाठ में। प्रस्तुत पाठ के आधार पर स्पष्ट करो।
उत्तरः परसाई जी ने सरकारी कार्यालयों में काम करने की अनावश्यक जटिलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर किया है। बाबुओं की लापरवाही, दरख्वास्तों का निस्तारण न होना, और रिश्वत की आवश्यकता दर्शाती है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार और अनियमितताएँ व्याप्त हैं।
5. अपनी व्यंगात्मक लेखनी के माध्यम से समाज की वास्तविकता को चित्रित करने में परसाई जी माहिर है। प्रस्तुत पाठ के आधार पर स्पष्ट करो।
उत्तरः परसाई जी ने अपनी कहानी के माध्यम से समाज की कुरीतियों, जैसे कि भ्रष्टाचार, पेंशन की लूट, और सरकारी दफ्तरों की अनियमितताओं को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से पेश किया है। वे पाठक को सोचने पर मजबूर करते हैं कि कैसे आम आदमी की समस्याएँ नजरअंदाज होती हैं।
6.'यह भी एक मंदिर है। यहाँ भी दान-पुण्य करना पड़ता है।'। - यहाँ मंदिर से लेखक का अभिप्रायं क्या है ? वहाँ दान-पुण्य कैसे किया जाता है ?
उत्तरः यहाँ मंदिर से अभिप्राय सरकारी कार्यालय की है, जहाँ काम कराने के लिए रिश्वत (दान-पुण्य) देना पड़ता है। साहब के अनुसार, बिना किसी भेंट या रिश्वत के काम नहीं होता, जिससे सरकारी तंत्र की भ्रष्ट प्रकृति का स्पष्ट चित्रण होता है।
7. 'भोलाराम का जीव' नामक व्यंगात्मक कहानी समाज में फैले भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी की पर्दाफाश करता है। कहानी के आधार पर पुष्टि करो।
उत्तरः कहानी में दिखाया गया है कि भोलाराम की पेंशन का काम नहीं हो रहा है क्योंकि उसके मामले में रिश्वत की कमी है। दफ्तरों में कार्यकर्ताओं की लापरवाही और पेंशन की दरख्वास्तें उड़ने की बात भ्रष्टाचार को उजागर करती है। अंततः, भोलाराम का जीव अपनी पेंशन की दरख्वास्तों में अटका रह जाता है, जो कि समाज में आम आदमी की परेशानियों और सरकारी तंत्र की विफलता को दर्शाता है।
Answer by Reetesh Das (MA in Hindi) and Dikha Bora
Edit By Dipawali Bora (23.04.2022)