Lesson-9 कविता

  (जो बीत गयी)  



1. संक्षेप में उत्तर दो:

(क) अपने प्रिया तारों के टूट जाने पर क्या अंबर कभी शोक मनाता है?
उत्तर: कवि का मानना है कि अंबर में जितने भी तारे है, उनमें से अगर कोई प्रिय तारा टूट भी जाता है तो अंबर कभी भी उसका शोक नहीं मनाता है। इसी गगन के माध्यम से कवि मानव जीवन को प्रेरणा देनी चाही है, की मानव का जीवन भी विभिन्न तरंगों से भरा होता है। परंतु कभी-कभी अपने पिया के खो जाने या अतीत के कारण उनका जीवन स्तब्ध हो जाता है। उन्हें अपने अतीत को भुलाकर जिंदगी में आगे बढ़ जाना चाहिए। ठीक अंबर की तरह।

(ख) हमें मधुवन और मदिरालय से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: हमें मधुवन और मदिरालय से यह शिक्षा मिलती है कि जिस प्रकार उपवन अपने मुरझाए हुए कलियों एवं फूलों के सूखने को लेकर कभी शोर नहीं मचाता और मदिरालय अपने प्रिय प्याले के टूट जाने पर कभी दुख प्रकट नहीं करता। उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में बीती बातों को लेकर या अपने सपने के टूट जाने पर दुखी होने के बजाय, दुखों को भुलाकर वर्तमान की चिंता कर आगे बढ़ जाना चाहिए।

(ग) कवि ने 'अंबर के आनन' को देखने की बात क्यों की है?
उत्तर: कवि ने अंबर के आनंद को देखने की बात इसीलिए की है क्योंकि अंबर कभी भी अपने टूटे तारों पर शोक नहीं मनाता। बल्कि बचे तारों के साथ अपना हर पल सुखी से बिताता है। अंबर की यही अच्छाई मनुष्य को सीख दे जाती है कि उसे भी प्रिया के खो जाने पर दुखी न रहकर वर्तमान की चिंता कर खुशी से आगे बढ़ जाना चाहिए।

(घ) प्यालों के टूट जाने पर मदिरालय क्यों नहीं पश्चाताप करता?
उत्तर: मदिरालय के आंगन में कई प्याले होते हैं। उनमें से कई प्याले हिल जाते हैं तथा गिरकर टूट भी जाते हैं। उनमें से कोई उठ नहीं पाता। पर मदिरालय कभी भी इस बात को लेकर पछताता नहीं। उसके लिए जो बीत गया सो बीत गया, बीती बातों को स्वीकार कर सहज रूप से आगे बढ़ जाना ही मदिरालय का स्वभाव है। इसीलिए प्यालों के टूट जाने पर मदिरालय कभी नहीं पश्चाताप करता।

(ङ) मधु के घट और प्यालों से किन लोगों का लगाव होता है?
उत्तर: मधु के घट और प्यालो से उन लोगों का लगाव होता है जो मादकता के मारे मधु लूट ही लेते हैं। उन्हें मधु के घर और प्यालो से इतना लगाव होता है कि किसी न किसी तरह मधु प्राप्त कर ही लेते हैं।

(च) 'जो मादकता के मारे हैं, वे मधु लूटा ही करते हैं।'- इससे कवि क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर: 'जो मादकता के मारे हैं, वे मधु लूटा ही करते हैं।' इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाहते हैं कि जिन लोगों को जीवन जीने का तरीका आता है, वैसे लोग दुखों की परिस्थितियों में भी खुश खोज ही लेते हैं। ऐसे लोग वर्तमान को लेकर आगे बढ़ना पसंद करते हैं। न ही बीती बातों के दर्द को लेकर शोक मनाते हैं।

(छ) उक्त कविता में मानव जीवन की तुलना किन-किन चीजों से की गई है सोदाहरण उत्तर दो।
उत्तर: उक्त कविता में मानव जीवन की तुलना आकाश में टूटते तारों, उपवन में मुरझाए हुए फूलों और मदिरालय के प्याले से की गई है।
         जिस तरह अंबर अपने टूटे तारों पर कभी शोक नहीं मनाता। उसी तरह मानव को भी अपने अतीत को लेकर शोक नहीं मनाना चाहिए। कवि ने उपवन का उदाहरण देकर यह कहा है कि अपने प्रिय फूलों के मुरझाए जाने पर मधुवन कभी शोर नहीं मचाता। अतः मनुष्य को भी अपनी बीती बातों को भुलाकर वर्तमान में जीना चाहिए। साथ ही साथ कभी ने मानव जीवन की तुलना मदिरालय से भी की है जिस प्रकार मदिरालय के आंगन में अनेक प्याले हिलखर टूटकर बिखर जाते हैं। पर मदिरालय वैसा ही हमेशा चलता रहता है। उसी प्रकार मनुष्य को अपने बिखरे हुए सपनों को लेकर दुखी होने के बजाय वर्तमान को रंगीन बनाकर सुखी से जीना चाहिए।

(ज) इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बीते हुए वक्त को भुलाकर वर्तमान की चिंता करनी चाहिए। हर एक के जीवन में सुख और दुखों का अनुभव अवश्य ही प्राप्त होता है। पर हमें बीते हुए दुखों को याद कर वर्तमान में उसका शोक नहीं मनाना चाहिए। मनुष्य ने कभी ना कभी अपने प्रिय वस्तु या प्राणी को खोया ही होगा। जिस प्रकार आकाश अपने तारों के टूटने और पेड़ अपने फूलों के मुरझा जाने से कभी शोक नहीं मनाता। उसी प्रकार मनुष्य को भी अपने प्रिय वस्तु को खोने या उसको याद कर कभी शोक नहीं मनाना चाहिए। बल्कि जीवन के बाकी बचे हुए समय को सुखपूर्वक बिताना चाहिए।


2. सप्रसंग व्याख्या करो:

(क) 'जीवन में एक सितारा था,
      ............................
       अंबर के आनन को देखो।'
उत्तर:
संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-2 के अंतर्गत हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित 'जो बीत गयी' नामक कविता से लिया गया है।
प्रसंग-इस पंक्तियों के द्वारा कवि अंबर का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए मनुष्य को अपने दुखों को भुलाकर जीवन में आगे बढ़ने को कहा है।
व्याख्या- मनुष्य के जीवन में कोई भी वस्तु स्थाई नहीं होता। पाना-खोना, मिलना-बिछड़ना, जीवन-मृत्यु आदि एक चक्र की तरह मनुष्य के जीवन में हमेशा चलती रहती है। जब भी मनुष्य अपने प्रिय वस्तुओं को खो देता हैं, तब वह दुखी होकर उसकी याद में जीवन व्यतीत  करने लगता है।इसीलिए कवि ने आकाश का उदाहरण देते हुए कहा है कि जिस प्रकार आसमान में अनेक तारों में से इसी एक तारे के टूटने पर आकाश कभी शोक नहीं मनाता। ठीक उसी प्रकार मनुष्य को भी अपनी प्रिय चीज या प्राणी के खो जाने पर दुखी न रहकर जीवन को आगे बढ़ाते हुए उसका आनंद लेना चाहिए।


(ख) 'मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,
       ..........................
       प्याली फूटा ही करते हैं।'
उत्तर:
संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-2 के अंतर्गत हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित 'जो बीत गयी' नामक कविता से लिया गया है।
प्रसंग- जीवन और मृत्यु के सत्य को दर्शाते हुए कवि उक्त पंक्तियों के द्वारा उपदेश देना चाहते है।
व्याख्या-मधु के घट मिट्टी के बने होते हैं। मुलायम मिट्टी के कारण घट कभी ना कभी टूट कर बिखर ही जाता है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी क्षणभर का होता है। कभी ना कभी उसे भी यह संसार छोड़ना ही पड़ता है। इसीलिए मनुष्य को इस वास्तव को स्वीकार कर लेना चाहिए। इसका दुख नहीं मनाना चाहिए।






Answer by Reetesh Das (MA in Hindi)

Edit By Dipawali Bora (23.04.2022)

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