Lesson-9 कविता

  (जो बीत गयी)  


1. संक्षेप में उत्तर दो:

(क) अपने प्रिया तारों के टूट जाने पर क्या अंबर कभी शोक मनाता है?
उत्तर: कवि का मानना है कि अंबर में जितने भी तारे है, उनमें से अगर कोई प्रिय तारा टूट भी जाता है तो अंबर कभी भी उसका शोक नहीं मनाता है। इसी गगन के माध्यम से कवि मानव जीवन को प्रेरणा देनी चाही है, की मानव का जीवन भी विभिन्न तरंगों से भरा होता है। परंतु कभी-कभी अपने पिया के खो जाने या अतीत के कारण उनका जीवन स्तब्ध हो जाता है। उन्हें अपने अतीत को भुलाकर जिंदगी में आगे बढ़ जाना चाहिए। ठीक अंबर की तरह।

(ख) हमें मधुवन और मदिरालय से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: हमें मधुवन और मदिरालय से यह शिक्षा मिलती है कि जिस प्रकार उपवन अपने मुरझाए हुए कलियों एवं फूलों के सूखने को लेकर कभी शोर नहीं मचाता और मदिरालय अपने प्रिय प्याले के टूट जाने पर कभी दुख प्रकट नहीं करता। उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में बीती बातों को लेकर या अपने सपने के टूट जाने पर दुखी होने के बजाय, दुखों को भुलाकर वर्तमान की चिंता कर आगे बढ़ जाना चाहिए।

(ग) कवि ने 'अंबर के आनन' को देखने की बात क्यों की है?
उत्तर: कवि ने अंबर के आनंद को देखने की बात इसीलिए की है क्योंकि अंबर कभी भी अपने टूटे तारों पर शोक नहीं मनाता। बल्कि बचे तारों के साथ अपना हर पल सुखी से बिताता है। अंबर की यही अच्छाई मनुष्य को सीख दे जाती है कि उसे भी प्रिया के खो जाने पर दुखी न रहकर वर्तमान की चिंता कर खुशी से आगे बढ़ जाना चाहिए।

(घ) प्यालों के टूट जाने पर मदिरालय क्यों नहीं पश्चाताप करता?
उत्तर: मदिरालय के आंगन में कई प्याले होते हैं। उनमें से कई प्याले हिल जाते हैं तथा गिरकर टूट भी जाते हैं। उनमें से कोई उठ नहीं पाता। पर मदिरालय कभी भी इस बात को लेकर पछताता नहीं। उसके लिए जो बीत गया सो बीत गया, बीती बातों को स्वीकार कर सहज रूप से आगे बढ़ जाना ही मदिरालय का स्वभाव है। इसीलिए प्यालों के टूट जाने पर मदिरालय कभी नहीं पश्चाताप करता।

(ङ) मधु के घट और प्यालों से किन लोगों का लगाव होता है?
उत्तर: मधु के घट और प्यालो से उन लोगों का लगाव होता है जो मादकता के मारे मधु लूट ही लेते हैं। उन्हें मधु के घर और प्यालो से इतना लगाव होता है कि किसी न किसी तरह मधु प्राप्त कर ही लेते हैं।

(च) 'जो मादकता के मारे हैं, वे मधु लूटा ही करते हैं।'- इससे कवि क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर: 'जो मादकता के मारे हैं, वे मधु लूटा ही करते हैं।' इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाहते हैं कि जिन लोगों को जीवन जीने का तरीका आता है, वैसे लोग दुखों की परिस्थितियों में भी खुश खोज ही लेते हैं। ऐसे लोग वर्तमान को लेकर आगे बढ़ना पसंद करते हैं। न ही बीती बातों के दर्द को लेकर शोक मनाते हैं।

(छ) उक्त कविता में मानव जीवन की तुलना किन-किन चीजों से की गई है सोदाहरण उत्तर दो।
उत्तर: उक्त कविता में मानव जीवन की तुलना आकाश में टूटते तारों, उपवन में मुरझाए हुए फूलों और मदिरालय के प्याले से की गई है।
         जिस तरह अंबर अपने टूटे तारों पर कभी शोक नहीं मनाता। उसी तरह मानव को भी अपने अतीत को लेकर शोक नहीं मनाना चाहिए। कवि ने उपवन का उदाहरण देकर यह कहा है कि अपने प्रिय फूलों के मुरझाए जाने पर मधुवन कभी शोर नहीं मचाता। अतः मनुष्य को भी अपनी बीती बातों को भुलाकर वर्तमान में जीना चाहिए। साथ ही साथ कभी ने मानव जीवन की तुलना मदिरालय से भी की है जिस प्रकार मदिरालय के आंगन में अनेक प्याले हिलखर टूटकर बिखर जाते हैं। पर मदिरालय वैसा ही हमेशा चलता रहता है। उसी प्रकार मनुष्य को अपने बिखरे हुए सपनों को लेकर दुखी होने के बजाय वर्तमान को रंगीन बनाकर सुखी से जीना चाहिए।

(ज) इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बीते हुए वक्त को भुलाकर वर्तमान की चिंता करनी चाहिए। हर एक के जीवन में सुख और दुखों का अनुभव अवश्य ही प्राप्त होता है। पर हमें बीते हुए दुखों को याद कर वर्तमान में उसका शोक नहीं मनाना चाहिए। मनुष्य ने कभी ना कभी अपने प्रिय वस्तु या प्राणी को खोया ही होगा। जिस प्रकार आकाश अपने तारों के टूटने और पेड़ अपने फूलों के मुरझा जाने से कभी शोक नहीं मनाता। उसी प्रकार मनुष्य को भी अपने प्रिय वस्तु को खोने या उसको याद कर कभी शोक नहीं मनाना चाहिए। बल्कि जीवन के बाकी बचे हुए समय को सुखपूर्वक बिताना चाहिए।


2. सप्रसंग व्याख्या करो:

(क) 'जीवन में एक सितारा था,
      ............................
       अंबर के आनन को देखो।'
उत्तर:
संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-2 के अंतर्गत हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित 'जो बीत गयी' नामक कविता से लिया गया है।
प्रसंग-इस पंक्तियों के द्वारा कवि अंबर का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए मनुष्य को अपने दुखों को भुलाकर जीवन में आगे बढ़ने को कहा है।
व्याख्या- मनुष्य के जीवन में कोई भी वस्तु स्थाई नहीं होता। पाना-खोना, मिलना-बिछड़ना, जीवन-मृत्यु आदि एक चक्र की तरह मनुष्य के जीवन में हमेशा चलती रहती है। जब भी मनुष्य अपने प्रिय वस्तुओं को खो देता हैं, तब वह दुखी होकर उसकी याद में जीवन व्यतीत  करने लगता है।इसीलिए कवि ने आकाश का उदाहरण देते हुए कहा है कि जिस प्रकार आसमान में अनेक तारों में से इसी एक तारे के टूटने पर आकाश कभी शोक नहीं मनाता। ठीक उसी प्रकार मनुष्य को भी अपनी प्रिय चीज या प्राणी के खो जाने पर दुखी न रहकर जीवन को आगे बढ़ाते हुए उसका आनंद लेना चाहिए।


(ख) 'मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,
       ..........................
       प्याली फूटा ही करते हैं।'
उत्तर:
संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियांँ हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-2 के अंतर्गत हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित 'जो बीत गयी' नामक कविता से लिया गया है।
प्रसंग- जीवन और मृत्यु के सत्य को दर्शाते हुए कवि उक्त पंक्तियों के द्वारा उपदेश देना चाहते है।
व्याख्या-मधु के घट मिट्टी के बने होते हैं। मुलायम मिट्टी के कारण घट कभी ना कभी टूट कर बिखर ही जाता है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी क्षणभर का होता है। कभी ना कभी उसे भी यह संसार छोड़ना ही पड़ता है। इसीलिए मनुष्य को इस वास्तव को स्वीकार कर लेना चाहिए। इसका दुख नहीं मनाना चाहिए।


Additional question and previous paper solve: 

1. 'जो बीत गयी सो बात गयी' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं ? [HSLC'14]


उत्तरः कवि हरिवंश राय बच्चन इस कविता के माध्यम से जीवन में बीती हुई घटनाओं और दुखों को भुलाने का संदेश देते हैं। वे बताते हैं कि जैसे आकाश में टूटे हुए तारे या सूखे हुए फूलों पर कोई शोक नहीं मनाता, उसी प्रकार मनुष्य को भी अपने बीते हुए दुखों को याद करके शोक नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, हमें वर्तमान की चिंता करनी चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए। इस कविता में कवि यह सिखाते हैं कि जीवन में आगे बढ़ना और सुखपूर्वक समय बिताना अधिक महत्वपूर्ण है।


2. 'जो बीत गई' शीर्षक कविता के कवि कौन हैं ? [HSLC'15,'19]


उत्तरः 'जो बीत गई' शीर्षक कविता के कवि हरिवंश राय बच्चन हैं।


3. 'जो बीत गई' कविता में कवि किसकी चिन्ता का संदेश देना चाहते हैं ? [HSLC'17]


उत्तरः कवि 'जो बीत गई' कविता में बीती हुई घटनाओं, दुखों और विफलताओं की चिंता को छोड़कर वर्तमान और भविष्य की सकारात्मकता को अपनाने का संदेश देना चाहते हैं। वे यह बताते हैं कि अतीत में खोए रहने से जीवन में आनंद नहीं मिल सकता, इसलिए हमें वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


4. 'जो बीत गयी' शीर्षक कविता के रचयिता कौन हैं ? [HSLC'18]


उत्तरः 'जो बीत गयी' शीर्षक कविता के रचयिता हरिवंश राय बच्चन हैं।


5. 'बच्चन' जी द्वारा लिखी गई किसी एक पुस्तक का नाम लिखो। [HSLC'20]


उत्तरः 'मधुशाला' हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध पुस्तक है।


B. संक्षिप्त प्रश्न :


1. मदिरालय कभी भी क्यों नहीं पछताता है, स्पष्ट करो। [HSLC'14]


उत्तरः मदिरालय कभी भी पछताता नहीं है क्योंकि वह अतीत में हुए क्षणों के लिए शोक नहीं करता। वह जानता है कि जीवन में बीती हुई बातें बीत चुकी हैं और उन्हें भूलकर आगे बढ़ना चाहिए। जैसे मदिरालय में जो प्याले टूटते हैं, वे पुनः नहीं मिलते, परंतु इससे मदिरालय की आनंद और उल्लास में कमी नहीं आती। यह जीवन के निरंतर प्रवाह को दर्शाता है।


2. 'जो बीत गई' शीर्षक कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती हैं ? [HSLC'15,'20]


उत्तरः 'जो बीत गई' शीर्षक कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने बीते हुए दुखों और विफलताओं को भुलाकर वर्तमान का आनंद लेना चाहिए। अतीत में खोए रहने से जीवन का मजा नहीं मिलता, इसलिए हमें आगे बढ़ने और अपने जीवन को खुशहाल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


3. अपने प्रिय तारों के टूट जाने पर क्या अम्बर कभी शोक मनाता है ? [HSLC'16]


उत्तरः नहीं, अंबर अपने प्रिय तारों के टूट जाने पर शोक नहीं मनाता। कविता में कहा गया है कि अंबर ने कितने तारों को खोया है, लेकिन फिर भी वह निरंतर चमकता रहता है। यह जीवन के निरंतरता का प्रतीक है, जो हमें सिखाता है कि हमें अपने अतीत के दुखों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए।


4. मधुवन तथा मदिरालय मनुष्य को क्या संदेश देते हैं। [HSLC'17]


उत्तरः मधुवन और मदिरालय मनुष्य को यह संदेश देते हैं कि जीवन में बीते हुए क्षणों पर शोक मनाने के बजाय हमें वर्तमान का आनंद लेना चाहिए। मधुवन सूखे फूलों पर शोर नहीं मचाता, और मदिरालय टूटे प्यालों के लिए पछताता नहीं है। यह हमें सिखाता है कि हमें जीवन के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


5. कवि ने 'अंबर के आनन' को देखने की बात क्यों की है ? [HSLC'18]


उत्तरः कवि ने 'अंबर के आनन' को देखने की बात इस लिए की है ताकि वह यह दिखा सकें कि अंबर में कितने तारे टूटते हैं, पर वह कभी शोक नहीं करता। यह जीवन में उतार-चढ़ाव और निरंतरता के महत्व को दर्शाता है, जिससे हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें भी अपने दुखों को छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।


6. कवि की दृष्टि में जीवन के सत्य का सही माप क्या हैं ? [HSLC'19]


उत्तरः कवि की दृष्टि में जीवन के सत्य का सही माप यह है कि हमें अतीत की चिंता किए बिना वर्तमान में जीना चाहिए। जीवन में आई कठिनाइयाँ और दुख क्षणिक होते हैं, इसलिए हमें उन्हें भूलकर वर्तमान के आनंद को स्वीकार करना चाहिए।


7. 'जो बीत गई' शीर्षक कविता में मानव जीवन की तुलना किन-किन चीजों से की गई है ? [HSLC'19]


उत्तरः 'जो बीत गई' शीर्षक कविता में मानव जीवन की तुलना तारों और फूलों से की गई है। टूटे तारे और सूखे फूल जीवन के अतीत के दुखों और क्षणिक विफलताओं का प्रतीक हैं, जिन्हें भुलाकर हमें आगे बढ़ना चाहिए।


8. प्यालों के इट जाने पर मदिरालय क्यों नहीं पश्चाताय करता ? [HSLC'20]


उत्तरः प्यालों के इट जाने पर मदिरालय इसलिए नहीं पछताता क्योंकि वह जानता है कि जीवन में बदलाव स्वाभाविक हैं। टूटे प्याले अतीत का हिस्सा हैं, और मदिरालय को अपने वर्तमान में आनंदित रहना है। यह जीवन के प्रवाह और निरंतरता का प्रतीक है।



C. विवरणात्मक प्रश्न :


अंक: 4/5


1. अतीत ('जो बीत गयी') के प्रति कवि की धारणा को स्पष्ट करो। [HSLC'14]


उत्तरः कवि हरिवंश राय बच्चन की धारणा है कि अतीत में जो भी घटित हुआ, उसे भुला देना चाहिए। जैसे अंबर अपने टूटे तारों पर शोक नहीं करता और मधुवन सूखे फूलों पर शोर नहीं मचाता, उसी तरह मनुष्य को भी अपने दुखों और विफलताओं को याद करके दुखी नहीं होना चाहिए। हमें वर्तमान में जीने और आगे बढ़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


2. 'जो बीत गयी' कविता का भावार्थ लिखो। [HSLC'14; 17)


उत्तरः 'जो बीत गयी' कविता जीवन की अनिवार्य सच्चाई को व्यक्त करती है कि अतीत में जो हुआ, उसे भुलाकर वर्तमान का आनंद लेना चाहिए। कविता में कवि यह बताना चाहते हैं कि अतीत के दुखों पर ध्यान देने के बजाय, हमें अपने जीवन को सुखमय बनाने की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हर क्षण का मूल्य समझते हुए, हमें आगे बढ़ना चाहिए और अपने जीवन को सकारात्मकता से जीना चाहिए।


3. हम मधुवन से क्या सीख सकते हैं ? [HSLC'16)


उत्तरः मधुवन हमें यह सीख देता है कि जीवन में अस्थिरता और परिवर्तन स्वाभाविक हैं। जब फूल सूखते हैं या कलियाँ मुरझाती हैं, तो मधुवन कभी शोर नहीं मचाता। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में आई कठिनाइयों और विफलताओं को स्वीकार करना चाहिए और आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।


" 4. मृदु मिट्टी के हैं बने हुए, मधुघर फुटा ही करते हैं, लघु जीवन लेकर आये हैं, ण्याले टुटा ही करते हैं " -इन काव्य-पंक्तियों के जरिए कवि ने क्या कहना चाहा है? [HSLC'16)


उत्तरः इन काव्य-पंक्तियों के माध्यम से कवि यह बताना चाहते हैं कि मानव जीवन नश्वर और क्षणिक है। मृदु मिट्टी की तरह हम भी क्षणिक हैं और हमारे जीवन में कई कठिनाइयाँ आ सकती हैं। जैसे मधुघर फुटा करते हैं, हमें भी अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना होगा। जीवन के छोटे-छोटे क्षणों का मूल्य समझना और उन्हें जीना ही सही मार्ग है।


5. 'जो बीत गयी' शीर्षक के संदेश को स्पष्ट करो। [HSLC'18)


उत्तरः 'जो बीत गयी' शीर्षक का संदेश यह है कि हमें अपने अतीत के दुखों और विफलताओं को भुलाकर वर्तमान का आनंद लेना चाहिए। जीवन में बीती हुई बातें कभी वापस नहीं आतीं, इसलिए उन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, हमें अपने वर्तमान और भविष्य को सकारात्मकता से जीना चाहिए।


6. 'जो बीत गई' कविता के सन्देश को स्पष्ट करो। [HSLC'19]


उत्तरः 'जो बीत गई' कविता का सन्देश है कि जीवन में अतीत के घटनाओं पर शोक करने के बजाय, हमें वर्तमान में जीने और आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। यह हमें सिखाता है कि दुखों को याद करने से कोई लाभ नहीं है, बल्कि हमें जीवन के सुखद क्षणों का आनंद लेना चाहिए और सकारात्मकता से जीना चाहिए।


अतिरिक्त आवश्यकीय प्रश्न


A. अति संक्षिप्त प्रश्न :


सही विकल्प का चयन करो :


(i) जो बीत गयी कविता के कवि कौन है ?


(a) सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला


(b) जयशंकर प्रसाद


(c) हरिवंश राय बच्चन


(d) सुमित्रानन्दन चंत


उत्तरः (c) हरिवंश राय बच्चन


(ii) हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म कब हुआ था ?


(a) सन 1906 मे


(b) सन 1907 मे


(c) सन 1908 मे


(d) सन 1909 मे


उत्तरः (b) सन 1907 मे


(iii) कवि ने 'जो बीत गयी' कविता किसे भूलने को । कहा है ?


(a) अतीत के गम को


(b) अतीत के को


(c) भविष्य की चिंता को


(d) अपने घर के सुख को


उत्तरः (a) अतीत के गम को


(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रंथ 'बच्चन्जी की नहीं है-


(a) मधुशाला


(c) मधुकलश


(b) मधुबाल


(d) गुनाहों देवता


उत्तरः (d) गुनाहों देवता


(v) कवि ने इस कविता में बीती बात। भूला कर क्या करने का संदेश देता है ?


(a) वर्तमान की चिंता


(b) भविष्य की चिंता


(c) अतीत की चिंता


(d) सुख की चिंता


उत्तरः (a) वर्तमान की चिंता


12. संपूर्ण वाक्य में उत्तर दो :


(i) हरिवंश राय 'बच्चन' जी का ज कहाँ हुआ था ?


उत्तरः हरिवंश राय 'बच्चन' जी का जन्म इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।


(ii) शोधकार्य संपन्न करने के लिएच्चन जी कहाँ चले गए थे ?


उत्तरः शोधकार्य संपन्न करने के लिए बच्चन जी इंग्लैंड चले गए थे।


(iii) बच्चन जी ने उच्च शिक्षा कहोप्त की थी ?


उत्तरः बच्चन जी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और काशी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।


(iv) अंबर कब शोक नहीं मनाता ?


उत्तरः अंबर अपने टूटे हुए तारों पर कभी शोक नहीं मनाता।


(v) उपबन को किसके बिछड़नों गम नहीं सताता ?


उत्तरः उपवन को सूखे फूलों और मुरझाने वाली कलियों का गम नहीं सताता।


(vi) मदिरालय के कब नही पक्षा है ?


उत्तरः मदिरालय प्यालों के टूटने पर कभी नहीं पछताता।


(vii) जीवन को किसे भरा हुआया गया है ?


उत्तरः जीवन को क्षणिक और अस्थिर माना गया है।


(viii) जीवन में हमें किसके बारेसोचना चाहिए ?


उत्तरः जीवन में हमें वर्तमान के बारे में सोचना चाहिए।


(ix) फूल के मुरझाने पर भी वशोर नहीं मचाता ?


उत्तरः मधुवन सूखे फूलों के मुरझाने पर भी शोर नहीं मचाता।


(x) जीवन के किस दुख कोद कर वर्तमान को कष्ट | देना नहीं चाहिए ?


उत्तरः अतीत के दुख को याद कर वर्तमान को कष्ट नहीं देना चाहिए।


B. संक्षिप्त प्रश्न :


1. हरिवंश राय बच्चन की शिक्ष बारे में लिखो।


उत्तरः हरिवंश राय बच्चन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद के कायस्थ पाठशाला और गवर्नमेंट कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और काशी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की।


2. अपने हूटे हुए तारों पर कौक नहीं मनाता और क्यों ?


उत्तरः अंबर टूटे हुए तारों पर शोक नहीं मनाता क्योंकि उसे अपने अतीत के दुखों में लिपटे रहने का कोई लाभ नहीं होता। वह हमेशा नए तारों की चमक को देखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।


3, अपने प्रिय फूल के मुरझाने लबन क्यों शोर यहीं मचाता ?


उत्तरः मधुवन अपने प्रिय फूलों के मुरझाने पर शोर नहीं मचाता क्योंकि यह जीवन के चक्र को स्वीकार करता है और जानता है कि हर चीज का अंत होता है, जो समय का नियम है


4.मधुवन से हमें क्या प्रेरणााती है ?


उत्तरः मधुवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने दुखों को भुलाकर जीवन की वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए और वर्तमान में जीना चाहिए।


5. 'मदिरालय' से हमें क्या मिलती हैं ?


उत्तरः
'मदिरालय' से हमें यह संदेश मिलता है कि जीवन में निराशा को छोड़कर आनंद और खुशियों की खोज करनी चाहिए, क्योंकि जीवन क्षणिक है।

6.कवि ने अंबर के आनन त्खने की बात क्यों की है?


उत्तरः कवि ने अंबर के आनन देखने की बात इसलिए की है ताकि यह दर्शा सकें कि अतीत की घटनाओं पर शोक मनाने के बजाय हमें वर्तमान को गले लगाना चाहिए।


7. कविता में कच्चा पीनेवाक्तसे बताया गया है और क्यों ?


उत्तरः कविता में कच्चा पीनेवालों का जिक्र इसलिये किया गया है कि वे जीवन के आनंद को भुलाकर, सिर्फ भौतिक सुखों में खोए रहते हैं, और इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


8.मधुवन की छाती को देनी बात क्यों कही गई है?


उत्तरः मधुवन की छाती को देखने की बात इसलिये कही गई है ताकि हमें यह दिखाया जा सके कि जीवन में सुख-दुख दोनों का होना आवश्यक है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए।

9. कैसे व्यक्ति ही मधु करते है ?


उत्तरः वे व्यक्ति मधु करते हैं जो जीवन के वास्तविक सुखों को पहचानते हैं और अपनी समस्याओं को भुलाकर आनंद में जीते हैं।


10. कौन-सा व्यक्ति रोता-चिल्लाता नहीं है?


उत्तरः वह व्यक्ति रोता-चिल्लाता नहीं है जो अतीत के गम को भुलाकर वर्तमान में जीने की कला जानता है।


11. मधु के घट और प्यालों से किन लोगों का लगाव होता है?


उत्तरः मधु के घट और प्यालों से उन लोगों का लगाव होता है जो जीवन में आनंद और उत्सव का अनुभव करना चाहते हैं।


12. 'जो मादकता के मारे है, वे मधु लूटा ही करते है।' इससे कवि क्या कहना चाहते हैं ?


उत्तरः कवि यह कहना चाहते हैं कि जो लोग भौतिक सुखों और मादकता में लिपटे रहते हैं, वे जीवन के असली आनंद को खो देते हैं।


13. 'जो बीत गयी' कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती हैं ?


उत्तरः इस कविता से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने अतीत के दुखों को भुलाकर वर्तमान का आनंद लेना चाहिए और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।


14. जीवन में किसकी याद करना बेहतर है और क्यों ?


उत्तरः जीवन में वर्तमान की याद करना बेहतर है क्योंकि अतीत की चिंताओं से हमें कोई लाभ नहीं होता, और वर्तमान में जीना ही सुख का कारण है।


15. बिखरे हुए तारे और मुरझाए हुए कूल के उदाहरण द्वारा कवि क्या बताना चाहते है ?


उत्तरः कवि बिखरे हुए तारों और मुरझाए हुए फूलों के उदाहरण से यह बताना चाहते हैं कि जीवन में क्षणिकता और परिवर्तन स्वाभाविक हैं, और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए।


16. मदिरालय का उपयोग कवि ने किस तरह से अकारात्मक रूप में किया है ?


उत्तरः कवि ने मदिरालय का उपयोग नकारात्मक रूप में इसलिये किया है कि यह जीवन में अनावश्यक भटकाव और व्यसन का प्रतीक है, जो व्यक्ति को सच्चाई से दूर ले जाता है।


18. आशय स्पष्ट करो :


(i) वह डूब गया तो डूब गया, अंबर के आनन को देखो।


उत्तरः इसका अर्थ है कि जब कोई प्रिय चीज या व्यक्ति खो जाता है, तो हमें उस पर शोक नहीं मनाना चाहिए, बल्कि हमें जीवन की सुंदरता और उसके अन्य पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए। अंबर (आसमान) के तारे गिरने से उसकी चमक कम नहीं होती, इसी तरह जीवन में भी कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ना चाहिए।


(ii) वह सूख गया तो सूख गया, मधुवन की छाती को देखो।


उत्तरः यह पंक्ति इस बात का संकेत देती है कि जब कोई प्रिय फूल सूख जाता है, तो मधुवन (बगीचा) भी रोता नहीं है। इसका आशय यह है कि जीवन के परिवर्तन और नुकसान को स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि हर चीज का एक निश्चित समय होता है।


(iii) फिर भी मदिरालय के अंदर मधु के घट हैं, मधुप्याले हैं।


उत्तरः इसका अर्थ है कि जीवन में कठिनाइयों और दुखों के बावजूद खुशियों के पल हमेशा मौजूद होते हैं। मदिरालय (शराब का घर) में मधु (खुशियाँ) हमेशा बनी रहती हैं, जो यह दर्शाता है कि हमें जीवन के सुखों की तलाश करनी चाहिए।


(iv) जो मादकता के मारे हैं, वे मधू लूटा ही करते हैं।


उत्तरः इसका अर्थ है कि जो लोग केवल भौतिक सुखों की खोज में हैं और मादकता में लिपटे रहते हैं, वे सच्चे आनंद को समझ नहीं पाते और केवल क्षणिक संतोष के लिए जीते हैं।


| C. विवरणात्मक प्रश्न :


1.इस कविता में मानव जीवन की तुलना किन-किन वीजों से की गई है ? सोदाहरण स्पष्ट करो।

उत्तरः इस कविता में मानव जीवन की तुलना तारे और फूलों से की गई है। जैसे तारों का टूटना और फूलों का मुरझाना जीवन के अनिवार्य पहलू हैं। कवि कहता है कि जैसे अंबर टूटे तारों पर शोक नहीं मनाता और मधुवन सूखे फूलों पर शोर नहीं मचाता, वैसे ही मनुष्य को भी अपने अतीत के दुखों को भुलाकर वर्तमान का आनंद लेना चाहिए।

2.प्रस्तुत कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?


उत्तरः कविता से यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में सुख-दुख दोनों का होना स्वाभाविक है। हमें अपने अतीत की चिंता करने के बजाय वर्तमान को जीने और उसका आनंद लेने पर ध्यान देना चाहिए।


3.प्रस्तुत कविता का सारांश लिखो।


'सुख दुख जीवन का सत्य है।' प्रस्तुत कविता के आधार का इस उक्ति को सिद्ध करो।


जीवन का सच्चा अनुभव वच्चन जी का थे। इस कविता के | आधार पर स्पष्ट कीजिए।


उत्तरः 'जो बीत गयी' कविता में कवि हरिवंश राय बच्चन यह बताते हैं कि जीवन में दुख और सुख दोनों का अनुभव होता है। अतीत के गम को भुलाकर वर्तमान को जीना चाहिए। सुख-दुख जीवन का सत्य है, क्योंकि जैसे तार टूटते हैं और फूल मुरझाते हैं, वैसे ही हमें जीवन में निरंतर परिवर्तन स्वीकार करना चाहिए। हमें अपने दुखों के बारे में सोचकर जीवन का आनंद नहीं छोड़ना चाहिए।

4.जीवन के सुख दुख के बारे में बच्चन जी ने इस कविता में अपना विचार किस प्रकार प्रकट किया है ?


उत्तरः बच्चन जी ने इस कविता में यह विचार प्रकट किया है कि जीवन के सुख और दुख दोनों एक साथ चलते हैं। हमें अपने दुखों को भुलाकर जीवन के सुखों का आनंद लेना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देकर बताया है कि जैसे अंबर टूटे तारों पर शोक नहीं मनाता, उसी तरह मनुष्य को भी अपने अतीत के गम को भुलाकर वर्तमान का सामना करना चाहिए।


सप्रसंग व्याख्या करो :


(i) सूखीं कितनी इसकी किलयाँ मुर्झायीं कितनी वल्लरियाँ,


जो मुर्झायीं फिर कहाँ खिली पर बोलो सूखे फूलों पर।


उत्तरः प्रसंग- यह वाक्य हमारे पाठ में स्थित मीराबाई द्बारा रचित जो बीत गयी नामक पाठ से लिया गया हैं।

 व्याख्या-  इस पंक्ति का अर्थ है कि कितनी ही कलियाँ और वल्लरियाँ सूख गई हैं, और जो मुरझाई हैं, वे फिर से कभी नहीं खिलेंगी। यह दर्शाता है कि जीवन में एक बार कुछ खो जाने पर, उसे फिर से वापस पाना संभव नहीं होता। इसलिए हमें सूखे फूलों पर शोर मचाने की बजाय, आगे बढ़ने और नए अनुभवों को अपनाने की आवश्यकता है। यह जीवन की अनित्यत्व की सच्चाई को उजागर करता है।

Answer by Reetesh Das (MA in Hindi) and Dikha Bora

Edit By Dipawali Bora (23.04.2022)

-------------------------------

বেলেগ ধৰণৰ উত্তৰ পাবলৈ এই লিংক টোত ক্লিক কৰক 👇 

👉Click Here Might Learn

-------------------------------




Post Id: DABP000974