Lesson 12

गौरा


1. सही वाक्य में  ✓ का और गलत वाक्य में × का चिन्ह लगाओ:

(क) गौरा एक बछिया का नाम था। 

उत्तर: [✓]

(ख) गौरा वास्तव में बहुत प्रियदर्शनी थी।

उत्तर: [✓]

(ग) गौरा लोगों से घुलमिल नहीं गई थी। 

उत्तर:   [×]

(घ) महादेवी जी ने गौरा के पार्थिव शरीर को गंगा में समर्पित किया था।

उत्तर: [✓]


2. पूर्ण वाक्य में दो:

(क) गौरा कौन थी?

उत्तर: गौरा एक वय:संधि तक पहुंँची हुई एक गाय की बछिया थी।

(ख) गौरा को पालने का सुझाव महादेवी जी को किसने दिया?

उत्तर: गौरा को पालने का सुझाव महादेवी जीव को उनकी छोटी बहन श्यामा ने दिया।

(ग) 'गाय करुणा की कविता है'-किसने कहा था और क्यों?

उत्तर: 'गाय करुणा की कविता है' यह वाक्य महात्मा गांधी ने कहा था। क्योंकि गाय खुद तो कुछ बोल नहीं पाती पर उसकी आंँखें सब कुछ कह जाती है।

(घ) गौरा के बछड़े का नाम क्या था?

उत्तर: गौरा के बछड़े का नाम लालमणि था।

(ङ) गौरा की मृत्यु का कारण क्या था?

उत्तर: गुड़ के साथ सुई खिलाना ही गौरा की मृत्यु का कारण था।


3. संक्षिप्त उत्तर दो:

(क) गौरा की आकृति का वर्णन करो।

उत्तर: गौरा को जो भी देखता वह  उसकी सुंदरता पर मुग्ध हो जाता। उसकी पुष्ट लचीले पैर, भरे पुट्ठे, चिकनी भरी हुई पीठ, लम्बी सुडौल गर्दन, निकलते हुए छोटे-छोटे सिंह, कमल की दो अधखुली पंखुड़ियों की तरह कान, लम्बी पूछ आदि को देख ऐसा लगता था कि मानो गाय को इटैलियन मार्बल में तलाशकर उस पर ओप दी गई हो।

(ख) महादेवी वर्मा जी के घर गौरा का स्वागत किस प्रकार हुआ?

उत्तर: जब गौरा महादेवी वर्मा जी के घर पहुंँची, तब उनके परिचितों और परिचारकों  में श्रद्धा का ज्वार-सा उमड़ आया। गौरा को लाल सफेद गुलाबों की माला पहनाई गई, केशर-रोली का बड़ा सा टीका लगाया गया, घी का चौमुखा दिया जलाकर आरती उतारी गई और उससे दही-पेड़ा खिलाया गया। यह सब करने के बाद उसका नाम रखा गया गौरांगिनी या गौरा।

(ग) 'गाय करुणा की कविता है'-आशय स्पष्ट करो।

उत्तर: गाय हमेशा अपनी भावों की प्रतिक्रिया रंभा-रंभाकर ही दे पाती है। पर जब भी वह स्थिर खड़ी किसी की ओर देखती है तब उसकी बड़ी और काली आंँखों में उल्लास, दुख, उदासीनता, आकुलता आदि की छाया तैर जाती है। वह बिना कुछ कहे ही सब कुछ कह जाती है मानो आंँखों की गहराई में कोई कविता छुपी हो। गाय के नेत्रों में हिरन के नेत्रों जैसा चकित विस्मय न होकर एक आत्मीय विश्वास ही रहता है। इसलिए महात्मा गांधी ने कहा था कि गाय करुणा की कविता है। क्योंकि उसकी आंँखों में देखने पर करुणा की भाव झलक जाती है। 

(घ) गौरा के अन्य जीव-जन्तुओं के साथ व्यवहार का वर्णन अपने शब्दों में करो।

उत्तर: गौरा देखते ही देखते सभी जीव जन्तुओं की प्रदर्शनी बन गई। पशु पक्षी अपनी लघुता और उसकी विशालता का अंतर ही भूल गए। कुत्ते बिल्ली गौरा के पेट के नीचे खेलने लगे, पक्षी उसकी पीठ और माथे में बैठ उसके कान तथा आंँखों को खुजलाने लगे, गौरा भी इन सभी का आनंद लेती हुए बड़ी प्यार से स्थिर खड़ी रहती।


(ङ) लालमणि की आकृति के वर्णन में लेखिका वर्मा जी ने क्या कहा है?

उत्तर: लालमणि की आकृति के वर्णन में लेखिका वर्मा जी ने कहा है कि लालमणि लाल रंग के कारण गेरू का पुतला जैसा लगता था। उसके माथे पर पान के आकार का श्वेत तिलक और चारों पैरों में खुरों के ऊपर सफेद वलय ऐसे लगते थे, मानो गेरू की बनी वत्समूर्ति को चांँदी के आभूषणों से अलंकृत कर दिया गया हो।


(च) गौरा के दूध-दोहन के लिए किसे नियुक्त किया गया और क्यों?

उत्तर: महादेवी वर्मा के यहांँ जो दूध देने आता था उसे गौरा के दूध-दोहन के लिए नियुक्त किया गया। क्योंकि दूध दोहन का काम न तो महादेवी जानती थी न उनके नौकर और जो गांँव से आए थे वह अनभ्यास के कारण यह कार्य इतना भूल चुके थे कि दूध-दोहन में घंटों लग जाते थे। इसलिए महादेवी को इसका स्थायी समाधान चाहिए था।


(छ) गौरा ने क्यों दाना-चारा खाना कम कर दिया था ? पशु चिकित्सक ने इसके संबंध में क्या कहा था?

उत्तर: बीमार पड़ने के कारण गौरा ने दाना-चारा खाना कम कर दिया था। बीमारी का कारण जानने हेतु महादेवी ने पशु चिकित्सक को बुलाया। डॉक्टर भी कई दिन तक अनेक प्रकार के निरीक्षण, परीक्षण, एक्स-रे आदि द्वारा रोग का निदान खोजते रहे। अंत में चिकित्सक ने निर्णय लिया कि गाय को सुई खिला दी गई है, जो उसके रक्त संचार के साथ हृदय तक पहुंँच गई है। और जब सुई गाय के हृदय के पार हो जाएगी, तब रक्त संचार रुकने से उसकी मृत्यु निश्चित है।


(ज) गौरा के रोग-उपचार के लिए क्या-क्या किए गए?

उत्तर: गोरा के रोग उपचार के लिए उसे सेब का रस नली के सहारे पिलाया जाने लगा, ताकि सुई पर कैल्शियम जम जाए जिससे चुभने की संभावना कम हो। साथ ही शक्ति के लिए बड़े-बड़े इंजेक्शन दिए जाने लगे।


(झ) लालमणि का अपनी मांँ गौरा के प्रति व्यवहार का वर्णन करो।

उत्तर: लालमणि को अपनी मांँ के साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था। वह हमेशा अपनी मांँ का दूध पीता और उसके साथ उछल कूद करता रहता। जब गौरा बीमार पड़ी तब लालमणि को तो मांँ की व्याधि और आसन्न मृत्यु का बोध ही नहीं था। लालमणि बीमार बड़ी मांँ के पास आकर अपना सिर मार-मार कर उसे उठाने की कोशिश करता और जब मांँ नहीं उठती, तब खेलने के लिए उसके चारों और उछल कूद करने लगता।


4. व्याकरण:

(I) वाक्य बनाओ:

(क)ब्राह्ममुहूर्त: मैं प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में जग जाता हूंँ।

(ख)दुविधा: बारिश होने के कारण घर लौटते वक्त मुझे काफी दुविधा हुई।

(ग)प्रियदर्शनी: प्रिया के परिवार में प्रिया सभी के लिए प्रियदर्शनी है।

(घ)मन्थर: जब हाथी मन्थर गति से चलती है तब वह और भी सुंदर दिखती है। 

(ङ)कृतज्ञता: तुमने मुझे जो सुझाव दिया उसके लिए मैं तुम्हें कृतज्ञता ज्ञापन करता हूंँ।


(II) रिक्त स्थानों की पूर्ति रेखांकित शब्दों के विलोम शब्द से करो:

(क) गुण और........ देख कर ही मित्र बनाना चाहिए।

उत्तर: अवगुण।

(ख) ज्ञान हमें अंधकार से....... की ओर ले जाता है।

उत्तर: प्रकाश।

(ग) सचिन अपनी आय की तुलना में........ अधिक करता है।

उत्तर:व्यय।

(घ) सुबह जल्दी उठना एक अच्छा अभ्यास है जो .......... के कारण मिल भी सकता है।

उत्तर:अनभ्यास।

(ङ) .......... जाकर स्वदेश की याद आती है।

उत्तर: विदेश।

Reetesh Das

(M.A in Hindi)