Lesson 14

            

(संत-वाणी)


1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो:

(i) मीठी वाणी क्यों बोलनी चाहिए?

उत्तर: मीठी वाणी इसलिए बोलनी चाहिए क्योंकि मीठी वाणी से सबका दिल जीता जा सकता है। चाहे वह कितना भी क्रोधित व्यक्ति क्यों न हो या फिर अपना शत्रु ही क्यों न हो, मीठी वाणी के कारण वह अपने आप शांत हो जाता है।

(ii) कवि के अनुसार कौन पंडित हो सकता है?

उत्तर: कवि के अनुसार ढ़ाई अक्षर प्रेम का पाठ जिसने पढ़ लिया वही पंडित हो सकता है।

(iii) साधु से क्या पूछना चाहिए?

उत्तर: हमेशा साधु से उसके ज्ञान के बारे में पूछना चाहिए।

(iv) शिशु कृष्ण किसके सामने शिकायत करता है?

उत्तर: शिशु कृष्ण यशोदा मैया के सामने शिकायत करता है।

(v) कृष्ण को कौन खिझाता है?

उत्तर: कृष्ण को उसके दाउ यानी बड़े भाई 'बलभ्रद' खिझाता है।     

(vi) कृष्ण को किस तरह खिझाया जाता है?

उत्तर: कृष्ण को बातें सुनाकर खिझाया जाता है। बलभ्रद खिझाते हुए कहता है कि उसे तो जसोदा मैया ने खरीद कर लाया है, उसे तो यशोदा मैया ने जन्म नहीं दिया है और साथ ही श्याम रंग के शरीर को लेकर ग्वाल बालक भी चुटकी बजा बजाकर उसे चिढ़ाने लगते हैं।

(vii) यशोदा किस लिए मुग्ध हो जाती है?

उत्तर: कृष्ण के मुंँह से नाराजगी भरी बातों को सुनकर यशोदा मुग्ध हो जाती है।

(viii) किसकी शपथ लेकर यशोदा कृष्ण को मनाने की कोशिश करती है?

उत्तर: गोधन यानी गायों की शपथ लेकर यशोदा कृष्ण को मनाने की कोशिश करती है।और कहती है कि मैं तेरी ही माता हूंँ और तू मेरा ही पुत्र है।


2. व्याख्यामूलक प्रश्न: 

(क) "मीठी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए।

औरन को सीतल करै, आपहुँ सीतल होय।।"

(i) 'मन का आपा' का मतलब क्या है?

उत्तर: मन का आपा का मतलब मन के भीतर उठने वाले उत्सुकता एवं भावनाओं से है।


(ii) 'मन का आपा' कब खो जाता है?

उत्तर:  जब कोई अपनी मीठी वाणी से दूसरे को प्रसन्न करने की कोशिश करता है तब मीठी बोली के कारण मन का आपा अपने आप हो जाता है।


(iii) हम अपने आप को किस तरह शांति दिला सकते हैं?

उत्तर: पहले खुद मीठी वाणी का उपयोग कर दूसरों को प्रसन्न करेंगे तो ही हम अपने आप को शांति दिला सकते हैं।


(iv) क्या दरअसल मीठी बोली का महत्व है? अपनी राय दो।

उत्तर: मनुष्य के जीवन में मीठी बोली का महत्व अधिक है। क्योंकि मीठी बोली ही एक ऐसा रामबाण है जिससे दुश्मन भी शत्रुता भुलाकर शांति को अपनाता है। जो व्यक्ति कड़वा बोलता है समाज के लोग उससे दूरी बनाए रखते हैं। और जो व्यक्ति मीठी बोली का उपयोग करता है, उसे सभी से प्यार मिलता है। इसलिए मनुष्य के जीवन में मीठी बोली का महत्व बहुत है।


(ख) "जो तोको काँटा बुवै, ताहि बुव तू फूल।

तोको फूल के फूल हैं, वाको है तिरसूल।।"

(i) किसके लिए फूल बोने की बात की गयी है?

उत्तर: उसके लिए फूल बोने की बात की गई है जो हमारे लिए कांँटा बोते हैं।


(ii) प्रस्तुत साखी के जरिए कवि कौन-सा संदेश देना चाहते हैं? समझा कर लिखो।

उत्तर: प्रस्तुत साखी के जरिए कवि हमें यह संदेश देना चाहते हैं कि  हमारा बुरा चाहने वालों के साथ बुराई से न पेश आकर उनके साथ प्यार से पेश आना चाहिए। ताकि हमारी ओर से दिए गए मान-सम्मान एवं प्यार से उसका मन परिवर्तित हो जाए और वह एक अच्छे इंसान के रूप में उभरकर आए।


(iii) 'तिरसूल' से कवि क्या कहना चाहते हैं?

उत्तर: तिरसूल से कवि यह कहना चाहते हैं कि हम पर अगर कोई बुरी नजर डालता है, तो हम उस पर कृपा दृष्टि बनाए रखनी चाहिए। परिणाम स्वरुप यह होगा कि उसकी बुरी नजर उसी पर भारी पड़ेगी।


(iv) क्या उपर्युक्त पंक्तियों से तुम सहमत हो? अपना विचार प्रस्तुत करो।

उत्तर: उपर्युक्त पंक्तियों से मैं संपूर्ण रूप से सहमत नहीं हूंँ। क्योंकि यह उक्ति आज कहावत के रूप में ही सीमित रह गई है। आज के समाज में इतना धैर्य नहीं है कि वह इस वाणी के मुताबिक चले। आज के समाज में जो जैसा बोता है उसे वैसा ही फल मिलता है। अर्थात जो हमारे साथ बुरा करता है उसके साथ भी बुरा व्यवहार किया जाता है। 


(ग) "मोसो कहत मोल कौ लीन्हौ, तू जसूमति कब जायौ।

कहा करौं इहि रिस के मारैं खेलन हौं नहिं जात।"

(i) कौन किसके सामने शिकायत करता है?

उत्तर: कृष्ण यशोदा मैया के सामने शिकायत करता है।

(ii) कौन किसलिए खेलने नहीं जाता है?

उत्तर: कृष्ण दाउ के बातों से नाराज होकर खेलने नहीं जाता है।

(iii) प्रस्तुत पंक्तियों का आशय स्पष्ट करो।

उत्तर: इस पंक्ति के द्वारा कृष्ण अपने मैया के सामने शिकायत करता है कि दाउ यानी उसके बड़े भाई बलभद्र, जो हमेशा उसे चिढ़ाते वे कहते हैं कि वह मैया का बेटा नहीं है, उसे तो यशोदा मैया ने खरीद के लाया है। इसी बात पर नाराज होकर कृष्ण खेलने नहीं जाता है।

(घ) " सुनहु कान्ह, बलभद्र चबाई, जनमत ही को धूत।

सूर श्याम मोहि गोधन की सौं, हौं माता तू पूत।।"

(i) कौन बलभद्र को 'चबाई' कहती है? 'चबाई' का अर्थ क्या है?

उत्तर: यशोदा मैया बलभद्र को चबाई कहती है। चबाई का अर्थ है 'चुगल खोर', जो हमेशा चुगली बाजी करता फिरता है।

(ii) उपर्युक्त पंक्तियांँ किसके प्रति कही गयी है?

उत्तर: उपर्युक्त पंक्तियांँ कृष्ण के पति कहीं गयी है।

(iii) यशोदा कौन-सी शपथ लेती है?

उत्तर: यशोदा गोधन यानी गायों की शपथ लेती है।

(iv) क्या दरअसल कृष्ण यशोदा की संतान है?

उत्तर: दरअसल कृष्ण यशोदा की संतान नहीं है। 

(v) कृष्ण के असली माता पिता कौन है?

उत्तर: कृष्ण के असली माता पिता देवकी और बसुदेव है।


3. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य बनाओ:

उत्तर: 

i. आपा: (अहंकार) गुस्से में रमेश ने अपना आपा खो दिया।

ii. मोल: (महत्व) धन दौलत से ज्यादा शिक्षा का मोल अधिक है।

iii. प्रेम: (प्यार) जिसने प्रेम का मूल मंत्र पढ़ लिया उसने जग को जीत लिया।

iv. सगुण: (गुणयुक्त) सूरदास जी सगुण उपासक थे।

v. भक्ति: (भगवान के प्रति निष्ठा) मंदिरों में भक्ति मूलक गीत गाए जाते हैं।

vi. वात्सल्य (बचपन) गोकुल लीला वात्सल्य रस की कविता है।

vii. निर्गुण: (निराकार ब्रह्म) कबीर दास निर्गुण मार्ग के उपासक थे।

viii. अहिंसा: (जिसमें हिंसा न हो) महात्मा गांधी अहिंसा पर विश्वास करते थे।

ix. शिकायत: (अभियोग) वह मेरे पास शिकायत लेकर आया था।


4. निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों से वाक्य बनाओ:

उत्तर: 

(i) आम: आम एक उत्तम फल है।

    आम: अच्छे कर्म का फल अच्छा    ही निकलता है।

(ii) अंक: इस बार रमेश को अंग्रेजी में काफी अंक मिलेंगे।

   अंक: नाटक के कई अंक होते हैं।


(iii) वर: अंजली का वर काफी सुंदर है।

    वर: तपस्या से खुश होकर भगवान उसे वर दिया।


(iv) पतंग: आसमान में काफी सारे पतंग उड़ रहे हैं।

      पतंग: सूर्य को पतंग भी कहा जाता है।


5. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखो:

उत्तर: 

(i) मामा का भाई - मामा

(ii) चाचा की बहन - फूफी

(iii) पिता की बहन - फूफी

(iv) भाई की पत्नी - भोजाई

(v) साथ पढ़ने वाला - सहपाठी

(vi) मुसलमान सम्राट - बादशाह

(vii) अपने भरोसे पर जीना - आत्मनिर्भर

(viii) मरते दम तक - आमरण

(ix) जिस पुरुष की पत्नी मर गयी हो - विधुर

(x) जो स्वयं पैदा हुआ हो - स्वयंभू



6. निम्नलिखित पुलिंग शब्द का स्त्रीलिंग बनाओ:

उत्तर: 

पड़ोसी - पड़ोसिन

बंदर - बंदरिया

दाता - दात्री

श्रीमान - श्रीमती

पुत्र - पुत्री

साधु - साध्वी

फूफा - फूफी

विद्वान - विदुषी

आचार्य - आचार्या

ससुर - सास


Author: Reetesh Das