Lesson:2
(मिठाईवाला)
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1. शुद्ध उत्तर चुनकर लिखो:
(क) मिठाईवाला कहानी के कहानीकार हैं-
उत्तर: भगवती प्रसाद बाजपेयी।
(ख) चुन्नू और मुन्नू ने कितने पैसे में खिलौने खरीदे?
उत्तर: दो पैसे में।
(ग) मुरलीवाले ने कितनी मुरलियांँ बनवाई थी?
उत्तर: एक हजार ।
(घ) खिलौनेवाले की उम्र कितनी होगी?
उत्तर: तीस-बत्तीस।
(ङ) मिठाईवाला लाभ न मिलने पर भी क्यों मिठाई बेचता है?
उत्तर: असीम सुख के लिए।
2. संपूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो:
(क) खिलौनेवाले की आवाज सुनकर लोग क्यों अस्थिर हो उठते?
उत्तर: खिलौनेवाले की आवाज सुनकर लोग इसलिए अस्थिर हो उठते क्योंकि खिलौनेवाला गलियों में घूम-घूम कर "बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला" इस अधूरे वाक्य को ऐसे विचित्र, किंतु मादक-मधुर ढंग से गाकर कहता कि सुननेवाले लोग अपने आप अस्थिर हो उठते।
(ख) राय विजय बहादुर के बच्चे कौन कौन थे?
उत्तर: राय विजय बहादुर के बच्चे चुन्नू और मुन्नू थे।
(ग) रोहिणी कौन थी?
उत्तर: रोहिणी राय विजय बहादुर की पत्नी तथा चुन्नू और मुन्नू की मांँ थी।
(घ) मुरलीवाला कितने पैसे में मुरली बेचता था?
उत्तर: मुरलीवाला दो पैसे में मुरली बेचता था।
(ङ) मिठाईवाला अपनी मिठाई किस भाव से बेचता है?
उत्तर: मिठाईवाला अपनी मिठाई का भाव एक पैसे में सोलह देता था।
(च) रोहिणी ने कितने पैसे की मिठाई ली?
उत्तर: रोहिणी ने चार पैसे की मिठाई ली।
3. उत्तर लिखो:
(क) खिलौनेवाले के आने पर लोगों में कैसी प्रतिक्रिया होती है? स्पष्ट करो।
उत्तर: खिलौनेवाले के आने पर गलियों में उस की मधुर आवाज सुनाई पड़ने लगती है। गलियों में आकर वह "बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला" इस वाक्य को एक ऐसी मधुर ढंग से गाकर कहता कि मकानों में से युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर से नीचे झांँकने लगती है। और पास ही में खेल रहे बच्चे जब खिलौनेवाले की आवाज सुनते, सभी दौड़े-हाँफते हुए उसे घेर लेते। खिलौनेवाला भी उन बच्चों के झुण्ड को देख, वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता था।
(ख) मिठाईवाले ने अपने बारे में रोहिणी से क्या कहा, विस्तार से लिखो।
उत्तर: मिठाईवाले ने अपने बारे में रोहिणी से कहा कि वह उसके नगर का एक प्रतिष्ठित आदमी था। जिसके पास मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सब कुछ था। पत्नी तथा छोटे-छोटे दो बच्चे भी थे। उसकी पत्नी भी बहुत सुंदर थी। वह अपने बच्चों से बहुत प्यार करता था। बच्चों की कोलाहल से घर गूंज उठता। लेकिन समय की गति और विधाता की लीला से वे अब जीवित नहीं है। इसलिए अब वह अपने बच्चों की याद में इन बच्चों के बीच घूमा करता है। मिठाईवाले ने यह भी कहा कि आखिर कहीं न कहीं उनके बच्चे जन्मे तो होंगे। अगर वह घर बैठे उनकी याद में बैठा रहता तो वह वही घुट- घुट कर मरता। इसीलिए वह इस प्रकार कभी खिलौनेवाला तो कभी मुरलीवाला तो कभी मिठाईवाला बनकर इन बच्चों के बीच अपने बच्चों को देखता है। अंत में उसने यह भी कहा कि उसे पैसे की कमी नहीं है, कमी है तो सिर्फ बच्चों का प्यार। इसलिए वह बच्चों के बीच फेरीवाला बनकर उनका प्यार पानी आता है।
(ग) फेरी करने के पीछे फेरीवाले का उद्देश्य क्या था? समझा कर लिखो।
उत्तर: फेरी करने के पीछे फेरीवाले का उद्देश्य उन छोटे-छोटे बच्चों से प्यार पाना था। जो बच्चे उनके आने से झुण्ड बनाकर उसे घेर लेते थे। उसे भी उन बच्चों से बड़ा स्नेह था। क्योंकि उन बच्चों के बीच वह अपने बच्चों की झलक देखता था। फेरीवाले के दोनों बच्चे अकाल बीमारी के कारण मर गए थे। इसीलिए इस दुख को कम करने हेतु नगर के अन्य बच्चों के बीच फेरीवाला बनकर जाता और उनको हंँसता खेलता देख उसे भी असीम सुख मिलता था।
(घ) फेरीवाला बच्चों के सामने कितने रूपों में आया था? विजय बाबू की बात पर उसने क्या जवाब दिया था?
उत्तर: फेरीवाला बच्चों के सामने तीन रूपों में आया था। पहली बार खिलौनेवाले के रूप में, दूसरी बार मुरलीवाले के रूप में तो तीसरी बार मिठाईवाले के रूप में आया था।
विजय बाबू की बात पर फेरीवाले ने कहा कि "बाबूजी को नहीं पता कि मुरली की असली लागत क्या है। यह ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि ही उठाकर चीजें क्यों न बेचें, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार उसे लूट रहा है।" अतः फेरीवाले ने बाबूजी से यह भी कहा कि इसका असली दाम तो दो ही पैसे हैं। बाबूजी को दो पैसे में यह मुरलियाँ और कहीं नहीं मिलेगी। असल में उसने हजार मुरलियाँ बनवाई है तब जाकर इस भाव पड़ी है। इस प्रकार विजय बाबू की बात पर मुरलीवाले ने अपना जवाब दिया था।
4. सही उत्तर दो:
(क) "मेला घोला कैसा छुन्दल ऐ।" किसने कब कहा था?
उत्तर: यह चुन्नू ने कहा था। जब चुन्नू और मुन्नू एक दिन खिलौनेवाले से खिलौने खरीद कर घर के भीतर आए तब चुन्नू ने सभी को अपना घोड़ा दिखाते हुए कहा कि "मेला घोला कैसा छुन्दर ऐ।"
(ख)"तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत ही तो है होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसे में, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।"
-किसने, किससे और किस प्रसंग में कहा था?
उत्तर: यह वाक्य राय विजय बहादुर ने मुरलीवाले से मुरली के मोलभाव के प्रसंग में कहा था। जब मुरलीवाले ने मुरली का भाव बताते हुए कहा कि दी तो वैसे तीन-तीन पैसे के हिसाब से है, पर आप को दो-दो पैसे में ही दे दूंँगा।
(ग) "इन व्यवसायों में भला तुम्हें क्या मिलता होगा?" - किसने, किससे और किस व्यवसाय के बारे में कहा था?
उत्तर: रोहिणी ने फेरीवाले से मिठाई की व्यवसाय के बारे में कहा था।
(घ)"अरे-अरे न-न अपने पैसे लिए जा भाई।" - किसने, किससे कहा था?
उत्तर: दादी ने मिठाईवाले से कहा था।
5. (क) संधि विच्छेद करो:
नमस्कार :- नमः+कार
पवन:- पो + अन
गजानन:- गज + आनन
अभीष्ट:- अभि + इष्ट
सतीश:- सत + ईश
रवीन्द्र:- रवि + ईन्द्र
सूर्योदय:- सूर्य + उदय
पावन:- पौ + अन
हितोपदेश:- हित + उपदेश
चयन:- च + अन
नाविक:- नौ + इक
मतैक्य:- मत + एक्य
महौषध:- महा + औषध
भावुक:- भौ + उक
नयन:- ने + अन
नायिका:- नै + इक
(ख) संधि जोड़ो:-
चर + अचर = चराचर
धर्म + अर्थ = धर्मार्थ
रमा + ईश = रमेश
सम् + वाद = सम्वाद
सम् + लाप = संलाप
वाक् +मय = वाक्यमय
तत् + लीन = तल्लीन
नि: + पाप = निष्पाप
नि: + रस = नीरस
परम + ऐश्र्वर्य = परमेश्वर्य
इति + आदि = इत्यादि
परि + आवरण = पर्यावरण
उत् + चारण = उच्चारण
उत् + लेख = उल्लेख
सम् + ध्या = संध्या
नि: + रोग = निरोग
अति + अधिक = अत्याधिक
(ग) निम्नलिखित शब्दों के अर्थ भेद लिखो:
दिन - दिवस
दीन - गरीब
प्रसाद - भोग
प्रासाद - महल
पानी - जल
पाणि - हाथ
बलि - बलि प्रदान
बली - बलवान
नीर - पानी
नीड़ - खोसला
कोष - भंडार
कोश - दूरी
सूचि - पवित्र
सूची - तालिका
सर - सरोवर
शर - वाण
वसन - वस्त्र
व्यसन - बुरी आदत
बदन - शरीर
वदन - कहना
सुर - आवाज
शूर - वीर
शाला - आश्रम
साला - पत्नी का भाई
हरि - विष्णु
हरी - हरा रंग
हंसी - हंस
हँसी - हंँसना
(घ) विलोम शब्द लिखो:-
एक - अनेक
राजा- प्रजा
अनुज- अग्रज
अनुराग - विराग
अनिवार्य- विकल्प
उधार- नगद
अपेक्षा - उपेक्षा
आभ्यंतर - बाध्य
आयात - निर्यात
आय - व्यास
इच्छा - अनिच्छा
आदान - प्रदान
अमृत - विष
अल्पायु - दीर्घायु
अनुकूल - प्रतिकूल
अपना - पराया
आदर - निरादर
6. अतिरिक्त प्रश्न उत्तर:
(क) मिठाईवाला किस प्रकार के मिठाई लाया था?
उत्तर: मिठाईवाला के पास तरह-तरह की मिठाइयांँ थी। जिसमें कई रंग-बिरंगी मिठाईयांँ, कुछ कुछ खट्टी मिठाईयाँ तो कुछ कुछ मीठी जायकेदार थी। जो बड़े देर तक मुंँह में टिकती थी।
Reetesh Das
M.A in Hindi
Check By -Mukesh Borah
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